काशीपुर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान महिला की मौत पर आक्रोशित परिजनों ने काटा हंगामा
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नरेश कुमार मित्तल (संवाददाता)
काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़ीनेगी में आज प्रसव के बाद प्रसूता की मौत के बाद उसके परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हंगामा काटा। इस दौरान जसपुर के सरकारी अस्पताल में सीएमएस के नेतृत्व में जांच टीम ने स्वास्थ्य के केंद्र पर पहुंचकर जांच की तो मृतका के परिजन स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए और आक्रोश व्यक्त किया।
दरअसल कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़ीनेगी निवासी कृष्ण कुमार पुत्र जयदयाल ने कुंडा थाना पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनकी 27 वर्षीय पत्नी किरन को गढ़ीनेगी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी0 जनवरी 2024 को वहां की जीएनएम सुभाषिनी की देखरेख में लगाया गया जिसके बाद बाकी सभी महीने में किरन का उक्त जीएनएम की देख-देख में इलाज किया गया।
बीते 2 दिन पूर्व पीएचसी गाड़ी नेगी में नियम सुहासिनी की देखरेख में किरण को भर्ती कराया गया था। किरन की सास ओमवती ने आरोप लगाया कि जब किरन को भर्ती कराया गया तो जीएनएम सुभाषनी के द्वारा किरन को इंजेक्शन लगाए गए उसके बाद वह गुमसुम होती गयी। यहां तक कि उनके सरकारी अस्पताल में लगाये गए इंजेक्शन के भी पैसे लिए गए।
आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब उनकी बहू किरन बेहोश हो गयी तो वह बदहवास होकर हॉस्पिटल में इधर उधर भागी तो स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन तक की सुविधा नहीं मिली। जिसके बाद उनकी बहू किरन की मौत हो गयी। किरन और कृष्ण की शादी 6 साल पूर्व हुई है। किरन अपने पीछे 3 साल की बेटी साक्षी और 2 साल के बेटे नकुल को रोता बिलखता छोड़ गयी।
वहीं दो दिन पूर्व डिलीवरी के दौरान हुई महिला की मौत के बाद जांच करने पहुंचे जसपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सीएमएस डॉ. धीरेंद्र गहलौत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दो दिन पूर्व महिला की प्रसव के दौरान हुई मौत के बाद मृतका के परिजनों के द्वारा कार्यवाही के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र पर जांच करने के लिए वह यहां आए हैं।
प्रथम दृष्टया स्टाफ नर्स और मृतक के परिजनों से हुई बातचीत के आधार पर प्रतीत होता है कि स्टाफ नर्स की लापरवाही से महिला की मौत हुई है जिसकी जांच कराई जाएगी। मृतका के परिजन उसे निलंबित करने की मांग कर रहे हैं।
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