आस्थाउत्तराखंड

रामकथा के श्रवण से श्रोता हो जाता है महान: डॉ राघवेश दास वेदांती

श्रीमद् वाल्मीकिय श्रीरामकथा की तैयारियां जोरों पर

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

हरिद्वार। ब्रह्मर्षि डॉ रामविलास दास वेदांती जी महाराज के शिष्य डॉ राघवेश दास वेदांती जी महाराज ने कहा कि ईश्वर का न कोई आदि है न अंत है। उनकी कथा का भी कोई आदि अंत नहीं है। भगवान श्रीराम की कथा अपने आप में विलक्षण है। इसके श्रवण मात्र से हर प्रकार के संशय मन से दूर हो जाते है। मनुष्य को कुसंग से दूर रहने की आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता है तो अच्छे लोगों की संगत में रहने की। भगवान से डरने की क्या आवश्यकता है, डरना है तो पाप से डरिए, भगवान से तो प्रेम किया जाता है।

डॉ राघवेश दास वेदांती ने कहा कि एक बार त्रेतायुग में भगवान शिव रामकथा सुनने कुंभज ऋषि के पास गए। ऋषि ने शंकर जी की खूब आवभगत की और पूछा हे महादेव क्या आदेश है। शंकरजी ने कहा कि हमें आप के मुखारबिन्द से रामकथा सुननी है। व्यास गद्दी पर बैठकर ऋषि ने रामकथा प्रारंभ की। भगवान श्रीराम सिर्फ प्रेम के भूखे हैं। वह सर्वज्ञ हैं सर्वमान हैं।

सती के भगवान राम की नर लीला पर हुए संशय को लेकर शिव जी ने कहा जब भगवान के स्वरूप और सद्गुरु के उपदेश पर संदेह होने लगे तब समझो सर्वनाश की घंटी बज चुकी है। क्योंकि बुद्धि परीक्षा लेती और भक्ति परीक्षा देती है। उन्हाेंने कहा कि रामकथा के श्रवण से श्रोता महान हो जाता है। उन्होंने कहा कि हरि अनंत से तात्पर्य है की हरी अर्थात भगवान के अनंत रूप हैं जिन्हें हम गिन नहीं सकते। जिनकी कोई गिनती नहीं है। वह हर कहीं व्याप्त है, कण-कण में उनका निवास है। वह हम में भी हैं और आप में भी हैं। इस प्रकार जैसे हरि के नाम अनंत है, जिनकी कोई सीमा नहीं है। वैसे ही उनकी कथाएं, उनसे संबंधित विविध प्रकार की कहानियां, विविध प्रकार के लेख और विविध प्रकार के ग्रंथ अनंत है।

हमारे प्रभु, हमारे भगवान के संबंध में इतनी कहानियां, किस्से और कथाएं हमारे मनीषियों के द्वारा लिपिबद्ध की गई है जिन्हें हम, गिनने में भी अपने आप को असमर्थ पाते हैं। बताते चलें कि श्रीराम कथा आयोजन समिति के सदस्य निरंतर जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं। घर-घर जाकर लोगों को निमंत्रण पत्र देकर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। महिला संयोजक मंडल के सदस्य भी कलशयात्रा को लेकर महिलाओं को जोड़ने का कार्य करने में जुटी है।

समाजसेवी सोनी राय, रंजीता झा, सरोज शर्मा, रश्मि झा, अपराजिता, नीलम राय, भावना मनवाल, अंजलि अग्रवाल, लता गोयल, हेमा चौहान, सुनीता अग्रवाल, मीना दूबे, एड प्रियंका पांडेय, हेमलता शर्मा, रत्ना सिंह, प्रीति गुप्ता, प्राची गर्ग, पूनम सिंह, मुन्नी सिन्हा, मंजू पांडेय, लक्ष्मी देवी, अंजु तिवारी, आभा सिंह, सुनील सिंह, सीए आशुतोष पांडेय, बीएन राय, शशि भूषण पांडेय, नारायण आहूजा, चंद्रमणि राय, अमित गोयल, पुरूषोत्तम लाल अग्रवाल, बृजभूषण तिवारी, पं तरूण शुक्ला, अमित साही, ऐश्वर्या पांडेय, अमित त्यागी, अमृत रंजन, बीएन राय, दिलीप कुमार झा, दिलखुश चौधरी, संतोष कुमार, पत्रकार, अबधेश झा, काली प्रसाद साह, डॉ नारायण पंडित, पं सागर झा, दिनेश भारद्वाज, मनोज मोहन यादव, शिव शंकर पांडे, ज्ञानेंद्र सिंह, धनंजय सिंह, चंदन सिंह, डॉ अमित राय, अर्जुन सिंह, अनिल उपाध्याय, वरुण कुमार सिंह, संतोष पाण्डेय सहित अन्य गणमान्य सदस्यगण कथा की तैयारियों में जुटे हुए हैं।




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