उत्तराखंडप्रशासन

चंपावत: बरसात से बंद पड़ी सड़के, बीमार बुजुर्गों को 10 किलोमीटर पैदल चल मुख्य सड़क तक लाए ग्रामीण

विभाग की कार्य प्रणाली की पोल खोलती बंद पड़ी सड़के

कलयुग दर्शन (24×7)

दीपक झा (संवाददाता)

बारकोट। बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश से बारकोट ब्लॉक की दूरस्थ चूला गांव कामाजूला सड़क पर भारी मलवा आने से बंद हो गई थी। ग्रामीणों के द्वारा शासन प्रशासन व लोक निर्माण विभाग लोहाघाट से सड़क खोलने की गुहार लगाई गई पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

वहीं सड़क बंद होने का खामियाजा रविवार को देखने को मिला जहां रविवार को ढूगा जोशी गांव के बुजुर्ग पुरोहित गोपाल दत्त चूला गांव में पूजा संपन्न कराने गए थे, अचानक उनका स्वास्थ्य काफी ज्यादा खराब हो गया। सड़क बंद होने से अस्पताल लाने का कोई साधन उपलब्ध न होने से ग्रामीण बीमार बुजुर्ग गोपाल दत्त को डोली में बैठा कर कई घंटे पैदल चल 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार कर कामाजूला तक लाए। तब जाकर वाहन के जरिए बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया गया।

वहीं इस घटना से ग्रामीणों में शासन प्रशासन व विभाग के खिलाफ काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है प्रशासन और विभाग ग्रामीणों की समस्या का कोई भी संज्ञान नहीं ले रहा है। 10 दिन से सड़क बंद पड़ी हुई है जिस कारण ग्रामीणों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आज बीमार के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता।

ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर जल्द सड़क को नहीं खोला गया तो आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। बीमार को अस्पताल पहुंचने में उर्वा दत्त जोशी, देव चंद्र जोशी, मोहन चंद्र जोशी, गोपाल दत्त जोशी, प्रकाश चंद जोशी, कैलाश चंद्र जोशी, पवन जोशी, भैरव सिंह राणा, भैरव जोशी आदि के द्वारा सहयोग किया गया।




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