रामनगर: जिम कॉर्बेट क्षेत्र में लेट ही सही पर आ गए विदेशी पक्षी, विदेशी पक्षियों से गुलजार हुआ कोसी बैराज
कलयुग दर्शन (24×7)
सागर कुमार (सह संपादक)
रामनगर। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगते जलासय कोसी बैराज, तुमड़िया डांम आदि जलासयों में इस बार लेट से ही सही पर साइबेरियंन प्रवासी पक्षी सुखार्भ पक्षियों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इन प्रवासी पक्षियों के पहुंचने से कोसी बैराज व अन्य आसपास क्षेत्रों के जलाशय इनकी चहचहाट से गुजने लगे हैं। उसके साथ ही इनके दीदार के लिए पर्यटक देश विदेश से कोसी बैराज वह अन्य क्षेत्रों में इनको देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं।
गौर हो कि सर्दियां शुरू होते ही प्रवासी पक्षी तिब्बत, रूस और ऊंच हिमालयी क्षेत्रों के साइबेरिया क्षेत्र से कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते जलाशयों में पहुंचने लगे है, हर वर्ष ये सुर्खाब पक्षी अक्टूबर माह में यहां पहुंच जाते थे पर सर्दियां देर से शुरू होने के चलते इस बार यह यहाँ नवंबर में आना शुरू हो गए है और अपना बसेरा रामनगर के आसपास बने जलाशयों में बनाते हैं।
इन पक्षियों को सुर्खाब या गोल्डन डक भी कहा जाता है। यह हमेशा जोडे में ही यहां आते हैं और यहां आकर प्रजनन करते हैं, जब इनके बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो वे इस स्थान से वापस अपने देश चले जाते हैं। ये पक्षी हर वर्ष यहाँ हज़ारों किलोमीटर की यात्रा कर आते है और यहां अक्टूबर, नवंबर से लेकर जब तक गर्मियां शुरू नहीं होती तब तक मतलब मार्च तक यहां रहते है और हर वर्ष मार्च में यह यहां से चले जाते है।
कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते कोसी बैराज ‘विदेशी मेहमानों’ की आमद से गुलजार हो गया है। रामनगर का कोसी बैराज, कोसी नदी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है। वहीं जानकारी देते हुए पक्षी विशेषज्ञ संजय छिम्वाल कहते है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले ये प्रवासी पक्षी लेट पहुंचे हैं। यहां पहुंचकर सैलानी सुखार्ब, वॉल कीपर, ब्लैक स्टार्ट, पिनटेल, करबोरेंच पक्षियों की चहचहाहट का आनंद ले रहे हैं। संजय कहते है कि सर्द मौसम के शुरुआत में ही प्रवासी पक्षी रामनगर के कोसी बैराज व कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते कई क्षेत्रों में पहुंचना शुरू हो जाता है। पक्षी कॉर्बेट लैंडस्केप के जलाशयों में पहुंचकर रामनगर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं।
रामनगर कोसी बैराज के जलाशयों में साइबेरियन और तिब्बत से प्रवासी पक्षी सैकड़ों की तादाद में पहुंचे हैं। संजय छिम्वाल का कहना है कि कॉर्बेट लैंडस्केप में 600 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है। लेकिन सर्दियों में सुखार्ब, वॉल कीपर, ब्लैक स्टार्ट, पिनटेल, करबोरेंच पक्षी समेत तमाम प्रजातियों के पक्षी यहां पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले वर्ड वाचर के लिए सुखार्ब पक्षी पहली पसंद है। वे कहते है कि ये ‘विदेशी मेहमान’ भोजन व प्रजनन के लिए हजारों मील का सफर तय कर ठंडे प्रदेशों से यहां पहुंचते हैं।
सैकड़ों की संख्या ये जोड़े कोसी नदी में जल में अठखेलियां करते हुए देखे जा सकते हैं। संजय कहते हैं कि यह सुर्खाब पक्षी जीवन में एक ही बार जोड़ा बनाते हैं और उसके बाद यह जोड़ा नहीं बनाते और यहां ये 200 से 300 जोड़ों में भी दिखाई देते हैं। वहीं इनको देखने के लिए आने वाले पर्यटक भी इनको कोसी नदी में अठखेलियां खाते हुए देख उत्साहित हो जाते हैं और उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहता। वहीं, इनकी सुरक्षा भी किसी चुनौती से कम नहीं है। वन प्रभाग रामनगर भी इनकी सुरक्षा को लेकर लगातार इन पक्षियों पर नजर बनाए रखता है।
जानकारी देते हुए रामनगर वनप्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि हमारे द्वारा लगातार कोसी नदी के जलाशयों में इन पक्षियों पर नजर रखी जा रही है। हमारे वनकर्मी लगातार इनकी मॉनिटरिंग करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार बोट से भी इनकी निगरानी की जाएगी, जिसका प्रपोजल बनाकर हमारे द्वारा शासन को भेजा गया है।
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