कई वर्षो से जेल में बंद पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के चार बेटों को सुप्रीम कोर्ट से मिली बेल, हाई कोर्ट से नहीं मिली थी राहत

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नौशाद जर्राह (संवाददाता)
सहारनपुर। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर निरोधक कानून के तहत दर्ज एक मामले में आरोपी के खिलाफ दाखिल अपने जवाब में निष्क्रिय मामलों को शामिल किए जाने पर यूपी सरकार को आड़े हाथ लिया। कोर्ट ने सरकार के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप अभियोजक नहीं, बल्कि उत्पीड़क हैं। इसके साथ ही-शीर्ष अदालत ने यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत आरोपों का सामना कर रहे सहारनपुर के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के चार बेटों को जमानत दे दी।
मामले की सुनवाई के दौरान हाजी इकबाल के बेटे जावेद, अब्दुल वाजिद, अफज़ाल और अलीशान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ताओं को 2017 के बाद दर्ज मामलों में उन्हें फंसाया गया था, क्योंकि उनके पिता एक राजनीतिक दल से संबंधित एमएलसी थे। लूथरा ने पीठ से कहा कि यूपी सरकार द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली यह है कि जब याचिकाकर्ताओं को एक मामले में जमानत मिल जाती है तो उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए एक और प्राथमिकी दर्ज कर दी जाती है कि उन्हें कभी राहत न मिले।
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