उत्तराखंड

मसूरी: भट्टा फॉल रोपवे में ज्वाइंट मॉक ड्रिल एक्सरसाइज का हुआ आयोजन, पांच पर्यटकों को सुरक्षित किया गया रेस्क्यू

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

मसूरी के भट्टा फॉल रोपवे में ज्वाइंट मॉक ड्रिल एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान रोपवे में फंसे पांच लोगों को रस्सी के सहारे पहाड़ी पर उतारा गया। उत्तराखंड के मसूरी में संचालित रोपवे इमरजेंसी के लिए ज्वाइंट मॉक ड्रिल एक्सरसाइज का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार द्वारा देश भर में रोपवे प्रोजेक्ट के लिए द्वितीय अर्धवार्षिक संयुक्त रोपवे मॉक ड्रिल का आयोजन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके क्रम में देहरादून में संचालित रोपवे से समन्वय स्थापित कर टेबल टॉप भट्टा गांव रोपवे पर मॉक ड्रिल एक्सरसाइज आयोजित की गई।

शुक्रवार को शासन के निर्देश पर भट्टा गांव रोपवे में रेस्क्यू अभियान का ट्रायल किया गया. करीब सुबह दस बजे से शुरू हुआ ट्रायल एक घंटे तक चला। इस दौरान रोपवे में फंसे पाच लोगों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, मसूरी पुलिस और फायर सर्विस के जवानों की सयुक्त प्रयास से रस्सी के सहारे पहाड़ी पर उतारा गया।

वहीं, मॉक ड्रिल के तहत पर्यटकों में भरोसा जताने और तैयारियों को परखने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा आईटीबीपी, एनडीआएफ, एसडीआएफ, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सयुंक्त रूप से मॉक ड्रिल किया गया। स्थानीय प्रशासन का दावा है कि रोपवे में किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी नहीं है। यदि अपरिहार्य स्थिति में नौबत आई तो प्रशासन के पास रेस्क्यू टीम की तैयारी पूरी है। बता दें कि झारखंड रोपवे हादसे के बाद देशभर में रोपवे को लेकर चिंता बढ़ गई है।

इस पर उत्तराखंड सरकार ने तकनीकी परीक्षण के लिए रेस्क्यू का ट्रायल करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं। जिसके तहत उत्तराखंड में सभी रोपवे का समय समय पर मॉक ड्रिल एक्सरसाइज आयोजित की जाती है जिससे सुरक्षा के इंतजामों के साथ संबंधित विभागों की तैयारियों के बारे जाना जा सके।

एनडीआरएफ के असिस्टेंट कामडेंड अजय पंत, आईटीबीपी के सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद और मसूरी कोतवाल संतोष कंवर ने कहा कि मसूरी में भट्टा फॉल रोपवे की मॉक ड्रिल एक महत्वपूर्ण सुरक्षा अभ्यास है, जो किसी भी अप्रत्याशित आपात स्थिति या दुर्घटना की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

इस ड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रोपवे पर यात्रा करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं और किसी भी दुर्घटना से निपटने के लिए प्रशासन और आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से तैयार हों। उन्होने कहा कि आपातकालीन स्थिति में रोपवे के दौरान किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति जैसे बिजली की समस्या, घबराहट या अन्य सुरक्षा संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिक्रिया प्रणाली का परीक्षण करना है। रोपवे के कर्मचारियों, बचाव दल और स्थानीय अधिकारियों को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और सही कदम उठाने की ट्रेनिंग देना है।

वही विभिन्न आपातकालीन स्थितियों में बचाव कार्यों की तैयारी करना जैसे रोपवे में फंसे हुए व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकालना, घायलों को उपचार देना, आदि। उन्होने कहा कि मॉक ड्रिल के समय मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारी और जवानों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी संकट के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके, जिससे जनहानि को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

डॉ. सीएस रावत एडिशनल सीएमओ देहरादून ने कहा कि मसूरी के भट्टा फॉल रोपवे में ज्वाइंट मॉक ड्रिल एक्सरसाइज को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार रहा। उन्होंने कहा कि रोपवे में फंसे एक पर्यटक की गंभीर हालत में थे जिनको प्राथमिक उपचार देने के बाद मसूरी उप जिला चिकित्सालय की एंबुलेंस से चिकित्सालय भेजा गया।




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