कलयुग दर्शन (24×7)
दीपक झा (संवाददाता)
हरिद्वार। जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है, जिससे जूना अखाड़े सहित समस्त संत समाज में शोक की लहर फैल गई है। जूना अखाड़े की देश में स्थित सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों पर शोक सभा व शांति पाठ का आयोजन किया जा रहा है।
जूना अखाड़े द्वारा तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। पायलट बाबा को हरिद्वार के कनखल में भू समाधि दी जायेगी। जूना अखाड़े के संतों ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पायलट बाबा एक सच्चे योगी व समाज की देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।
वे 1974 में विधिवत दीक्षा लेकर जूना अखाड़े में शामिल हुए और अपनी सन्यास यात्रा प्रारंभ की। सन्यासी बनने से पूर्व पायलट बाबा भारतीय वायुसेना में पायलट के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने 1962, 1965, 1971 के युद्ध में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर के पद पर रहते हुए भाग लिया था।
1998 में महामंडलेश्वर पद पर आसीन होने के बाद उन्हें 2010 में उज्जैन में प्राचीन जूना अखाड़ा शिवगिरी आश्रम नीलकंठ मंदिर में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर पद पर अभिषिक्त किया गया। श्री महंत हरी गिरी महाराज ने कहा पायलट बाबा की अंतिम इच्छा के अनुसार उन्हें उत्तराखंड की पावन भूमि में समाधि दी जाएगी।
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