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लालकुआँ: वन तस्कर ने जंगल के रक्षकों के साथ मिलकर कर काट दिए 15 बेशकीमती खैर के पेड़, जगंल में खेला गया बड़ा खेल

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

लालकुआँ। विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तराई पूर्वी वन प्रभाग में बे-ख़ौफ़ वन तस्कर जंगलों की बेशकीमती लकड़ी को काटकर खुलेआम तस्करी कर रहे हैं। इस तस्करी के पीछे वन विभाग की कर्मचारियों की सीधी मिली भगत है। जिसका नतीजा है कि तस्कर जंगल के अंदर प्लॉट सफाई के नाम पर जंगल के बेशक़ीमती लड़कियों की तस्करी कर रहे हैं।

ताजा मामला तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी रेंज की रंनसाली रेंज का है जहां बे-ख़ौफ़ वन तस्करों ने खेर, सगौन, शीशम के बेशकीमती पेड़ काट डाले। मामले का खुलासा स्थानीय गुर्जरों द्वारा किया गया। वही लकड़ी तस्करी की शिकायत करने वाले स्थानीय गुर्जरों को भी अब वन विभाग के कर्मचारी और तस्कर धमकी दे रहे हैं। जिन्होंने बेशक़ीमती लकड़ी तस्करी के खेल का खुलासा किया है।

बताते चले कि तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की रनसाली रेंज के जंगलों से लड़कियों की तस्करी काफी दिनों से चल रही है। वन तस्कर जमकर बेशकीमती पेड़ काट रहे है यहाँ खेल वन विभाग की मिली भगत से खेला जा रहा है।

वही जगंल में हो रही अवैध लकड़ी की तस्करी की शिकायत जगंल में रहने वाले गुर्जर समुदाय के लोगों ने विभागीय कर्मचारियों को दी। लेकिन उल्टा कर्मचारियों ने गुर्जर समुदाय के लोगों को ही झूठे मुकदमे में फंसने की धमकी देने लगे। जिसके बाद वन गुर्जरों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को लिखित पत्र देकर की लेकिन उनके द्वारा तस्करों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जिस पर वन गुर्जरों ने क्षेत्रीय विधायक को भी पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की।

मामला मीडिया में पहुंचा तो पता चला की तस्कर भारी मात्रा में बेशकीमती खैर के पेड़ को काटकर इकट्ठा कर छोटे-छोटे टुकड़े बनाकर इकट्ठा किए हुए थे। इधर स्थानीय गुर्जरों का कहना है कि पिछले काफी दिनों से वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर तस्कर लड़कियों को काट रहे हैं जहां वन विभाग आंख बंद किया हुआ है और कर्मचारी मिली भगत कर उनके साथ दे रहे हैं।

गुर्जरों का कहना है कि वन संपदा को संरक्षित करना उनका मौलिक अधिकार है जहां उन्होंने लकड़ी तस्करी का विरोध किया तो उल्टा वन विभाग के कर्मचारी ही तस्करों का साथ मिलकर झूठे मुकदमे में फंसने की धमकी दे रहे हैं। गुर्जर समुदाय का लोगों का कहना है कि करीब बेशकीमती खेर के 15 पेड़ को काटकर उसको छोटे-छोटे टुकड़ों में बनाकर ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा था। जब गुर्जरों ने उनको रोकने की कोशिश की तो मौके पर ही लकड़ी छोड़कर तस्कर ट्रैक्टर ट्राली लेकर भागने में कामयाब हुए।

इधर लकड़ी तस्करी की शिकायत पर जब मीडिया कर्मी गुर्जर समुदाय के लोगों के साथ जंगल में पहुंचे तो देखा की भारी मात्रा में बेशकीमती खैर के पेड़ कटे हुए थे। मीडिया कर्मियों की आने की सूचना वन विभाग को मिली जिसके बाद वन विभाग अपनी कारस्तानी छुपाने के लिए कर्मचारी तस्करों के साथ मौके पर पहुंचकर मीडिया कर्मियों से उलझने लगे और बदतमीजी करते हुए उनको बाहर करने की कोशिश की, लेकिन गुर्जर समुदाय के लोगों ने किसी तरह से उनको वहां से बचाकर बाहर सड़क पर छोड़ा।

वही इस पूरे मामले में वन विभाग के कुमाऊं के चीफ धीरज पांडे का कहना है कि किसी भी तरह की वन तस्करी नहीं होनी दी जाएगी। जो भी लोग दोषी होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल उन्होंने पूरे मामले की जांच के आदेश प्रभागीय वन अधिकारी को दे दिए है।

इधर मामले की जानकारी मिलते ही रनसाली कार्यालय पर पहुंचे उप प्रभागीय वनाधिकारी संतोष कुमार पंत का कहना है कि लकड़ी तस्करी एवं खैर के पेड़ कटाई का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अभी तक किसी तरह की कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि वहां पर पेड़ की कटान हुए हैं। फिलहाल वन विभाग पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। वही वन विभाग के कर्मचारियों ने तस्करों के साथ अपनी कमियों को छुपाने के लिए मीडिया कर्मियों पर हमला करने की कोशिश की।




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