उत्तराखंड

लोहाघाट: भारी बरसात के बाद नहीं खुली 13 दिन से बंद पड़ी सड़के एवं पैदल मार्ग, ग्रामीणों ने जान जोखिम में डाल दस किलोमीटर डोली व पीठ से पहुंचाया बीमार छात्रा को अस्पताल

कलयुग दर्शन (24×7)

नरेश कुमार मित्तल (संवाददाता)

लोहाघाट, चंपावत। बीते दिनों आई आपदा ने लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत डुंगरा बोहरा क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। गांव की सड़क और पैदल रास्ते सब आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं। आपदा के 13 दिन बाद भी सड़क व पैदल रास्ते सुचारू नहीं हो पाए हैं, जिस कारण ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं।

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर राम ने बताया गांव की 18 वर्षीय छात्रा कुमारी जानकी पुत्री मोहन सिंह की मंगलवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। ज्यादा तबियत बिगड़ने पर गांव के युवाओं ने डोली व पीठ में लादकर बीमार छात्रा को जान हथेली में रखकर किसी तरह टूटे-फूटे पैदल रास्ते से रोसाल तक पहुंचाया।

युवाओं को इस जानलेवा यात्रा में चार घंटे लगे। इस दौरान युवाओं के साथ बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी। ईश्वर राम ने बताया गांव में आने जाने के लिए सड़क के साथ-साथ पैदल रास्ते भी नहीं बचे हैं।

गांव में खाद्यान्न, पानी व अन्य जरूरी चीजों का गंभीर संकट पैदा हो गया है तथा गांव में बीमारियों का प्रकोप बड़ रहा है। उन्होंने बताया अभी सड़क ठीक होने में काफी समय लग सकता है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने प्रशासन से आवाजाही के लिए पैदल मार्ग के निर्माण की मांग की है।

साथ ही मार्ग निर्माण के लिए आइटीबीपी/एसएसबी से मदद की गुहार लगाई है ताकि ग्रामीण पैदल जाकर जरूरी वस्तुओं की पूर्ति कर सके। ग्रामीणों ने कहा अगर जल्द रास्ते सुचारू नहीं होते हैं तो गांव के हालात बेकाबू हो सकते हैं।

उन्होंने कहा सड़क व रास्ते बंद होने से कायल तक की जनता प्रभावित हो चुकी है। मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने प्रशासन से मार्ग खोलने में तेजी लाने की मांग की।

ईश्वर राम ने बताया आपदा से क्षेत्र के खेत खलिहान सब तबाह हो चुके हैं, हालांकि प्रशासन के द्वारा सड़क खोलने के लिए पोकलैंड मशीन भी लगा दी गई है फिर भी सड़क खुलने में अभी वक्त लग सकता है तब तक इन क्षेत्रों की स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है।




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