कलयुग दर्शन (24×7)
नदीम सलमानी (संपादक)
हरिद्वार। महंत रवि पुरी ने गोवर्धन के पावन पर्व पर हनुमान घाट पर भक्तों संग की भगवान गोवर्धन की पूजा। उन्होंने बताया कि गोवर्धन पूजा भारतीय लोकजीवन में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। जो दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है। इसे अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व प्रकृति के साथ मानव के सीधे संबंध को दर्शाता है और इसका उद्देश्य धार्मिक निष्ठा और उत्सव को बढ़ावा देना है।
गोवर्धन पूजा की कथा भगवान कृष्ण की लीला से जुड़ी है, जिन्होंने ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर रखा था। इसके बाद, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पूजा करने और अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। इस त्यौहार पर, लोग गोधन (गायों) की पूजा करते हैं, जिन्हें पवित्र और आदरणीय माना जाता है।
गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है, जो सुख और समृद्धि प्रदान करती हैं। गोवर्धन पूजा के दिन, लोग विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, जिनमें श्रीकृष्ण पूजा, गौ पूजा, अन्नकूट का छप्पन भोग, सामूहिक भोज और मिठाइयाँ शामिल हैं। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है।
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