कलयुग दर्शन (24×7)
सरविन्द्र कुमार (प्रधान संपादक)
अंडरवर्ल्ड डॉन पी पांडे को जूना अखाड़ा के द्वारा दीक्षा देकर मठाधीश बनाए जाने को लेकर विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरी गिरी ने इसे गलत ठहराते हुए इसकी जांच बैठा दी है।
हरि गिरि ने मामले की जांच करने की बात कहते हुए इसके दोषी पर कार्यवाही की बात कही है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए वर्तमान पदाधिकारी की एक समिति बना दी है जो अपनी जांच कर रिपोर्ट देगी। इसके बाद पी पांडेय को संत बनाने वाले संतों पर भी कार्यवाही की जा सकती है।
साथ ही हरि गिरि ने कहा कि मुकदमा हुआ तो वह कानून देखेगा लेकिन जो अखाड़े से जुड़ा हुआ होगा उसे छोड़ा नहीं जा सकता। वहीं दूसरे संतों ने भी इसे गलत बताया है जिसके बाद अल्मोड़ा जेल में निरुद्ध प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को जेल में व्यक्तियों द्वारा महंत पद की दीक्षा दिए जाने के प्रकरण में विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने अपर महानिरीक्षक, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग यशवंत चौहान को जांच अधिकारी नामित किया है।
प्रकरण में जेल के अंदर दीक्षा दिए जाने के संबंध में आवश्यक जांच कर एक सप्ताह में जांच आख्या शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इन दिनों जूना अखाड़े से जुड़ा हुआ एक मामला बहुत ही ज्यादा गरमाता हुआ नजर आ रहा है जिसमें अल्मोड़ा की जेल में बंद पी पांडे जो की एक अपराधी है अंडरवर्ल्ड डॉन है उसको जूना अखाड़े के कुछ संतों ने दीक्षा देकर संत बनाते हुए उसे मठाधीश बना दिया था जिस पर पी पांडे को प्रकाश आनंद नाम भी दिया गया था।
जिसके बाद जूना अखाड़े ने उस मामले में जांच बैठा दी है और जूना अखाड़े की अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंतरी गिरी ने इसे गलत ठहराते हुए इसकी जांच बैठा दी है और कहां है कि अगर आरोपी संत समाज से जुड़ा होगा तो भी उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
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