उत्तराखंड

लालकुआं: आकृति नेचुरल प्रोडक्ट प्लांट के भीतर विशालकाय गड्डे खोदकर उनमें पेपर मिल की जहरीली राख भर रहे क्रेशर के खिलाफ खनन विभाग की कार्यवाही, छापेमारी के बाद सुस्त पड़ा प्रशासन

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

लालकुआँ। तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत आकृति नैचुरल प्रोडेक्ट प्लांट के भीतर विशालकाय गड्ढे खोदकर अवैध रूप से निकाले गए उपखनिज ओर गड्ढे में सेचुरी पेपर मिल की कैमिकल युक्त राख भरे जाने के मामले में विगत दिनों की गई प्रशासनिक कार्यवाही पर अब सवाल उठाने लगे है।

विदित हो कि बीते दो दिन पूर्व जिला प्रशासन और खनन विभाग द्वारा आकृति नेचुरल प्लांट में छापेमार कार्यवाही की थी इस दौरान प्लांट संचालकों द्वारा प्लांट परिसर में विशालकाय गड्डे खोदकर उन्हें पेपर मिल की कैमिकल युक्त राख द्वारा भरकर पर्यावरण को भरी नुकसान पहुंचाए जाने का मामला उजागर हुआ था किंतु उक्त संवेदनशील मामले में जिम्मेदार महकमों ने मामला एनजीटी का बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया गया।

जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उक्त गंभीर प्रकरण को लेकर बरती जा रही उदासीनता को लेकर स्थानीय पर्यावरण मित्र और समाजसेवियों में आक्रोश के स्वर मुखर होने लगे हैं। उन्होंने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे प्लांट संचालकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग करते हुए अन्यथा की स्तिथि में नैचुरल प्लांट के गेट में प्रशासन के खिलाफ आंदोलनात्मक कार्यवाही किए जाने की बात कही है।

गौरतलब है कि क्षेत्र के बमेठा बगर केशव स्थित आकृति नैचुरल प्रोडेक्ट प्लांट में विशालकाय गड्ढा खोदकर अवैध रूप से उपखनिज चोरी करने तथा उक्त विशालकाय गड्ढे को सेचुरी पेपर मिल कैमिकल युक्त राख से पाटने की तमाम खबरों के समाचार पत्रों समेत सोश्यल मीडिया की सुर्खियों के बाद उपजिलाधिकारी तुषार सैनी ने खनन विभाग के अधिकारियों के साथ आकृति नैचुरल प्रोडेक्ट में छापेमारी की जिसमें विशालकाय गड्ढे में कैमिकल युक्त राख डाली जा रही थी जिसपर प्रशासन ने उक्त गड्ढे की पैमाईश कर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी।

साथ ही गड्ढे में डाली जा रही कैमिकल युक्त राख से किए जा रहे पर्यावरण प्रदूषण की जांच के लिए एनजीटी को पत्र भेजने की बात कही गई थी किंतु प्रशासन द्वारा की गई छापेमार कार्यवाही को दो दिन बीत गये ना तो एनजीटी की टीम मौके पर पहुंची और ना ही उक्त प्लांट स्वामी के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई। जिसको लेकर उक्त कार्यवाही पर सवालिया निशान खड़े हो गये है।

इधर उपजिलाधिकारी तुषार सैनी ने कहा कि प्रशासन ने छापेमारी कार्यवाही की थी जिसमें खोदे गए गड्ढों में केमिकल राख भारी पाई गई थी जिसकी जांच हेतु एनजीटी को लिखा गया है तथा खनन विभाग ने गड्ढे की पैमाईश कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है जिसे निर्देश मिलेगें उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।




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