उत्तराखंड

विधायक के भ्रष्टाचार का किया खुलासा, 20 करोड़ की सम्पति रुड़की नगर निगम को दिलाई वापस

निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने प्रेस वार्ता कर भ्रष्टाचारियों पर जमकर साधा निशाना

कलयुग दर्शन (24×7)

नदीम सलमानी (संपादक)

हरिद्वार। नगर निगम रूड़की की करोड़ों की बेशकीमती सम्पत्ति को कब्जा धारक से मुक्त कराये जाने के सम्बन्ध में निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने नगर के एक होटल में प्रेस वार्ता कर भ्रष्टाचारियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीटी गंज (सुभाष गंज) में सुबोध कुमार गुप्ता (मथुरा भवन) को लीज पर दी गई निगम की सम्पत्ति की समयावधि वर्ष 1982 में समाप्त हो चुकी है। नगर निगम के कुछ पार्षदों द्वारा अपने निजि स्वार्थो के चलते बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाकर उक्त सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द किया गया। उन्होंने बताया कि बोर्ड के प्रस्ताव संख्या-394 में मेरे व तेरह पार्षदों द्वारा इस कीमती सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द होने से बचाने तथा व्यक्ति विशेष को लाभ न पहुॅंचाने के उद्देश्य से अपने प्रयास किये गये। उन्होंने बताया कि पूर्व में रहीं नगर आयुक्त नुपुर वर्मा तथा स०नगर आयुक्त चन्द्रकांत भट्ट के प्रशासक कार्यकाल में उक्त लीज की सम्पत्ति में नवीनीकरण करने हेतू नियम विरूद्ध एक रसीद काटी गई, जबकि पूर्व में ही इस सम्बन्ध में डीजीसी सिविल संजीव कौशल ने अपनी लिखित राय में उक्त सम्पत्ति का नवीनीकरण नहीं किया जा सकता, जोकि वर्ष 1982 में लीज अवधि समाप्त हो चुकी है। उन्होंने उक्त दोनों निगम अधिकारियों पर अपने अधिकारों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को राजस्व की हानि पहूॅंचाने के उद्देश्य से शासनादेश संख्याः794 दिनांक 30.04.2010 की अनदेखी करते हुऐ लीज के नवीनीकरण हेतू दिनांक 31.10.2019 को प्रशासक काल में रसीद संख्या-25,पुस्तक संख्या-629 में एक लाख इक्कतीस हजार दो सौ रूपये जमा कराए गऐ।

निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने बताया कि बाद में नगर निगम रूड़की के नगर आयुक्त रहे विजयनाथ शुक्ल द्वारा भी यह सब कुछ जानते हुऐ भी उन्होंने मूल तत्वों को सामने न रख शासन को गुमराह कर एक पत्र संख्या-399 दिनांक 29.07.2022 को निदेशालय को लीज की सम्पत्ति को नवीनीकरण कराने हेतू भेजा। उन्होंने अपने आरोप में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष तथा नगर विधायक प्रदीप बत्रा को भी आडे हाथ लेते हुऐ कहा कि वे भ्रष्टाचार की दलदल में गले तक धंसे हुऐ हैं, उन्होंने अपने कार्यकाल में नगर निगम की लगभग चालीस सम्पत्तियों को अपने निजि स्वार्थो की पूर्ति के लिए बेच डाला तथा अपने चहेतों को भी दे दी। उन्होंने कहा कि विधायक का एक प्रतिनिधि करोड़ों रूपयों की सम्पत्ति को धोखाधड़ी कर बेचने के एक मामले में अभी भी जेल में बन्द है। गौरव गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार के इस दलदल में विधायक ने अपने प्रतिष्ठान के मैनेजर सुधांशु बिष्ट को भी दो हजार फुट सिविल लाईन स्थित पटियाला लस्सी के ऊपर की छत एक लाख बीस हजार रूपये में दे दी, जिसकी रसीद संख्या-454,दिनांक-02.05.2012 है। उन्होंने बताया कि विद्यायक द्वारा अनेको लीज सम्पत्तियों को बिना सूचना प्रकाशन के अवैध रूप से बेचा गया है, जिसको माननीय र्स्वोच्च न्यायालय द्वारा नियम विरूद्ध मानते हुऐ निरस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा जहां नगर निगम में सम्पत्ति को बचाने की लम्बी लडाई लड़ी गई वह लगभग बीस करोड़ की बीटी गंज की सम्पत्ति को वापस नगर निगम को दिलाया है, वहीं दूसरी ओर इन पूर्व प्रतिनिधियों एवं विधायक द्वारा कुछ पार्षदों के साथ मिलकर मेरे विरूद्ध एक बड़ी साजिश रची गई ताकि नगर निगम में उनका भ्रष्टाचार चलता रहे।

निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने बताया कि वर्ष 1952 में सुबोध कुमार गुप्ता द्वारा रिहाईश हेतु नगर पालिका से उक्त सम्पत्ति ली गई थी, किन्तु इसके विपरीत उन्होंने उक्त सम्पत्ति का व्यवसायिक लाभ लिया और वर्ष 1957 से 2010 तक पी0एन0बी0 बैंक को किराये पर देकर लाखों रूपये प्रतिमाह वसूल किये और इसे स्वयं सुबोध कुमार गुप्ता ने भी सम्पत्ति कर स्वं निर्धारण प्रपत्र में इसे स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि उक्त विषय का संज्ञान लेते हुये शहरी विकास निर्देशक नवनीत पाण्डेय ने सचिव को भेजे अपने पत्र संख्या-562, दिनांक 20.05.2023 में क्रम संख्या-6 में लिखा है कि उक्त सम्पत्ति में वर्ष 1957 से पंजाब नेशनल बैंक को सुबोध कुमार गुप्ता द्वारा किराये पर देकर पैसा वसूल किया व सरकार को बड़ी राजस्व हानि पहुॅंचाई है। निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने बताया कि शासन के आदेश संख्या-209431 दिनांक 07.05.2024 के अनुपालन में निर्देशालय द्वारा नगर आयुक्त, रूड़की तथा नगर निगम प्रशासक को तत्काल कार्यवाही कर शासन को त्वरित कार्यवाही से अवगत कराने को कहा है। प्रेस वार्ता में पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष डॉ० राकेश त्यागी, भाकियू नेता राकेश अग्रवाल, अनूप शर्मा तथा अविनाश त्यागी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।




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