उत्तराखंड

चंपावत: एनएच की लापरवाही जनता पर पड़ी भारी, 26 घंटे बाद भी नहीं खुल सका एनएच बाया सिमलखेत, पिथौरागढ़ पहुंच रहे हैं वाहन, जनता में भारी आक्रोश

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

चंपावत। मंगलवार सुबह 9:00 बजे से संतोला के पास बंद पड़े एनएच को लगभग 26 घंटे बीत जाने के बाद भी नहीं खोला जा सका है। एनएच के अधिकारियों की लापरवाही जनता पर भारी पड़ी है।

सड़क बंद होने से मगंलवार को कई स्कूली बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, एंबुलेंस सहित सैकड़ो यात्री सुबह से जाम में फंसे रहे।

इतने बड़े भूस्खलन को साफ करने के लिए एनएच के अधिकारियों के द्वारा सिर्फ एक पोकलैंड मशीन व एक जेसीबी के सहारे खोलने का प्रयास किया जा रहा था। रात मे जेसीबी मशीन खराब होकर पहाड़ी मे लटक गई है।

बुधवार को मशीन को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया तथा वाहन 60 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर बाया सिमलखेत पनार होते हुए पिथौरागढ़ जा रहे हैं। सुबह से यात्री भूखे प्यासे एनएच में फंसे रहे। लोगों में एनएच के खिलाफ भारी आक्रोश है।

लोगों ने कहा पूरा दिन बीत जाने के बाद भी एनएच को नहीं खोला जा सका। पुरानी मशीने एनएच खोलने में लगाई गई है।

कुल मिलाकर एनएच के अधिकारियो की लापरवाही जनता पर भारी पड़ी है। लोग एनएच के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

 

लोगों ने कहा वह सुबह से ही मशीनों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे थे पर एनएच के अधिकारियों के द्वारा अनसुना कर दिया गया जिसका खामियाजा सुबह से लेकर रात तक जनता को भुगतना पड़ रहा है। वही आज बुधवार को एनएच की मशीने सड़क को खोलने में जुटी हुई है।

अगर सब कुछ ठीक चला तो दोपहर तक एनएच के खुलने की संभावना जताई जा रही है। वहीं बंद पड़े एनएच के हिस्से को लोगों के द्वारा पैदल मार्ग के जरिए पार कर आगे की यात्रा की जा रही है।

चंपावत जिले का पिथौरागढ़ से संपर्क पूरी तरह कटा हुआ है। सैकड़ो यात्री, माल वाहक वाहन रोडवेज बसे रास्ते में फंसे पड़े हैं। एनएच में पिथौरागढ़ की ओर आवाजाही पूरी तरह बंद है।




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