कलयुग दर्शन (24×7)
नदीम सलमानी (संपादक)
हरिद्वार। सावन माह का दूसरा सोमवार है। हरिद्वार में इस मौके पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर सहित हरिद्वार के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारे देखने को मिली।
सुबह से ही शिव भक्त भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए आतुर दिखाई दिए। कनखल के दरिद्र भंजन महादेव मंदिर पर सुबह से ही लंबी लाइन लगी रही।
लोग भगवान शिव को मनाने के लिए हाथ में गंगाजल लिए खड़े हुए थे। मंदिर के पुजारी कृष्ण कुमार शास्त्री ने बताया कि सावन माह देवों के देव महादेव को बेहद प्रिय है। ऐसा कहते हैं कि जो भी इस माह सच्चे मन से शिव जी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना और व्रत करता है। उसे सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। उन्होंने बताया कि वैसे तो भोलेनाथ मात्र एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते है। लेकिन शिव को मनाने के लिए बेल पत्र, भांग धतूरा कमल पुष्प चंदन आदि से उनका अभिषेक करने से शिव अति प्रसन्न होते हैं।
उन्होंने बताया कि वैसे तो भोलेनाथ मात्र एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते है। लेकिन शिव को मनाने के लिए बेल पत्र, भांग धतूरा कमल पुष्प चंदन आदि से उनका अभिषेक करने से शिव अति प्रसन्न होते हैं।
इसके साथ ही दरिद्रता दूर करने के लिए उनको गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए और बीमारी दूर करने के लिए गिलोय के रस से उनका अभिषेक करना चाहिए। ऐसी भी मानता है कि सावन मास में भगवान शिव हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में निवास करते हैं और यह इस सृष्टि का संचालन भी करते हैं।
कनखल दक्षेश्वर महादेव के दिव्य दर्शन के लिए उमड़ा जन सैलाब
सावन का दूसरा सोमवार है। सावन के सोमवार पर भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव की आराधना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
सुबह 4 बजे से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की कतार लगनी शुरू हो गई। दक्षेश्वर महादेव मंदिर को भगवान शिव की ससुराल कहा जाता है।
मान्यता है कि सावन के एक महीने भगवान शिव दक्षेश्वर मंदिर में ही विराजते हैं। इसलिए दूर-दूर से शिव भक्त यहां पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं।
दक्षेश्वर महादेव मंदिर में स्थानीय लोगों की भीड़ के साथ हरिद्वार पहुंच रहे कावड़ियों का भी जमावड़ा लगा हुआ है।
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