कलयुग दर्शन (24×7)
दीपक झा (संवाददाता)
हरिद्वार। रामविशाल देव ने बुधवार को अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता एवं दिगम्बर अणि अखाड़ा के सचिव बाबा हठयोगी के सानिध्य में दीक्षा संस्कार लिया। इस दौरान विधि विधान से पंच गव्य स्नान, यज्ञ, जनेऊ संस्कार के उपरांत मंत्र दीक्षा एवं नया नाम राम विशाल देवदास (देवजी महाराज) दिया। दीक्षा संस्कार के दौरान बाबा हठयोगी ने उन्हें रामानन्दी तिलक लगाकर कण्ठी पहनाई। कार्यक्रम में कई संत, महन्त, महामण्डलेश्वर, सामाजिक एवं राजनीतिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान बाबा हठयोगी ने कहा कि गुरु शिष्य परम्परा से सनातन आदि काल से सशक्त होता चला आ रहा है, सनातन की रक्षा और विस्तार के लिए युवाओं का संत बनना अच्छा संकेत है।
महामण्डलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि बाबा हठयोगी जी ने सदैव धर्म के उत्थान और सनातन परंपराओं की रक्षा के लिए मजबूती एल्स आवाज़ उठायी है। महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश ने कहा कि शिष्य का कर्तव्य है कि वह गुरु के विचारों और आदर्शों पर चलकर समाज कल्याण एवं मानवता के लिए कार्य करना है। महन्त ऋषिश्वरानन्द ने कहा कि युवा संत राम विशाल देव दास का संत बनना संत समाज और धर्म के लिए सकारात्मक संकेत है। पूर्व मंत्री विजय सारस्वत ने राम विशाल देव दास को भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि उनके व्यवहार और कार्यशैली से संत समाज को ताक़त मिलेगी। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर प्रबोधानन्द, महामण्डलेश्वर ईश्वर दास, महामण्डलेश्वर डॉक्टर रामेश्वर दास वैष्णव, महन्त दुर्गादास, महन्त विष्णुदास, महन्त रविदेव शास्त्री, योगी आशुतोष, श्याम सुन्दर महाराज, (दिल्ली), युवा भारत साधु समाज के शिवम महन्त आदि उपस्थित रहे।
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