कलयुग दर्शन (24×7)
सागर कुमार (सह संपादक)
हिमालय की उच्च चोटियों के क्षेत्र अलका पूरी, सतोपंथ में बढ़ते तापमान से ग्लेशियर पिघलने के कारण भू बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम में सोमवार दोपहर बाद से लगातार बढ़ रहे अलकनंदा नदी के जलस्तर में आज तड़के 2 बजे के बाद से कमी आई है। राहत भरी खबर ये है कि आज सुबह बदरी पुरी में अलकनंदा नदी 912.10 मीटर के जल स्तर पर बह रही है और सुबह से तप्त कुण्ड छेत्र में हालात फिर सामान्य हो चले है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही नारद कुंड के आसपास से लेकर तप्त कुण्ड छेत्र ब्रह्म कपाल छेत्र तक श्रद्धालुओ की भीड़ जुटने से एक बार फिर से चहल पहल लौट आई है।
तीर्थ यात्री सुगमता से स्नान के बाद भगवान श्री बदरी विशाल जी के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। सोमवार को बदरी पुरी आने वाले तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा थोड़ा घटते हुए करीब आठ हजार पांच सौ कर थमा। वहीं कपाट खुलने से अब तक करीब 8 लाख 30 हजार तीर्थ यात्रियों ने बदरी विशाल जी के दर्शन कर लिए है। बता दें की सोमवार को दोपहर बाद अलका पुरी घाटी में बड़े तापमान और तेजी से ग्लेशियर पिघलने के चलते अलकनंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। नदी में अचानक बढे जल स्तर के कारण बद्रीनाथ में तप्त कुंड से महज कुछ फीट नीचे पर अलकनंदा नदी का पानी पहुंच गया था। जिसके चलते यहां नारद शिला और वारहशिला भी अलक नन्दा के तेज उफान के आगोश में थे।
यही नहीं नारद कुंड भी अलकनंदा नदी के तेज बहाव में नजर नहीं आ रहा था, लेकिन बद्रीनाथ पुलिस और एसडीआरएफ ने समय पर सजगता दिखाते हुए पूरे बदरी धाम में तीर्थ यात्रियों सहित स्थानीय लोगों पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित व्यापारियों आदि को अनाउंसमेंट करा कर नदी से दूर रहने को लेकर अलर्ट करा दिया था। साथ ही अलकनंदा नदी के बड़े जल स्तर कको देखते हुए तत्पकुंड, नारद कुंड सहित ब्रह्म कपाल के नजदीक नदी किनारे के पूरे छेत्र को भी खाली करा दिया गया। गौरतलब है की ऊपरी हिमालई क्षेत्रों में बढ़ते वैश्विक तापमान के साथ हुई बारिश से पिछले कुछ दिनों से बदरी पुरी में अलकनंदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
बदरी पुरी के होटल कारोबारी राम नारायण भंडारी बताते है की इस बार धाम में उमस भरी गर्मी और तपिश का ज्यादा एहसास हो रहा है। लिहाजा अभी टी शर्ट में भी गर्मी हो रही है ऐसे में बदरी पुरी के ऊपरी हिस्से अलका पुरी बांक छेत्र में अक्सर दोपहर बाद ग्लेशियर पिघलने की प्राकृतिक घटना होना लाजमी है। यही अलकनंदा नदी का जल स्तर बड़ने का एक कारण भी है। हालांकि सोमवार को दोपहर बाद से बड़े नदी का जल स्तर मंगल वार सुबह तड़के 2 बजे बाद कम हो चला है, जिसके बाद अलकनंदा नदी का उफान थम गया है।
सामान्य दिनों में जहां अलकनंदा नदी तत्पकुंड से करीब 15 फीट नीचे बहती है। लेकिन सोमवार शाम साढ़े 6 बजे से नदी का जलस्तर बढ़ कर 6 फीट ऊपर नारद कुंड से ऊपर आने लगा। जिसके बाद बद्रीनाथ धाम की पुलिस ने धाम में माइक से मुनादी कर लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएं। साथ ही तप्तकुंड को भी खाली करा दिया है। पुलिस की गाड़ी लगातार अनाउंस करती रही। उधर, अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों के लिए बनाया गया वैकल्पिक मार्ग भी बह गया है। जिससे इस क्षेत्र में रिवर फ्रंट का कार्य बंद हो गया है। आज नदी का जल स्तर कम होने पर मास्टर प्लान निर्माण कार्य सहित रिवर फ्रंट विकास कार्य फिर से शुरू हो सकेगा।
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