उत्तराखंड

अन्तर्राज्यीय “छात्र जीवन दर्शन” यात्रा पर आये पूर्वोत्तर के छात्रों का पहाड़ी टोपी एवं फुल मालाएं पहनाकर मसूरी में हुआ आत्मीय स्वागत

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

मसूरी। अन्तर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन यात्रा पर आये पूर्वाेत्तर के छात्रों का मसूरी में आत्मीय स्वागत हुआ। मसूरी एमपीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिशद ओर एमपीजी कालेज छात्रसंध ने पूर्वाेत्तर से आये छात्रों का पहाडी टोपी और फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर पराम्परिंक ढोल दमाउ और लोक गीतो पर पूर्वाेत्तर छात्रों ने जमकर डांस किया।

अन्तर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन यात्रा का उद्देश्य राष्ट्र की भावनात्मक एकता और भारत के सुदूर पूर्वाेत्तर क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को बढ़ाना है। 1966 में ‘भारत गौरव यात्रा’ के नाम से अपनी गतिविधियां शुरू की थीं। इसी के तहत पूर्वोत्तर के 27 से अधिक छात्र मसूरी पहुंचे।

मसूरी एमपीजी कॉलेज के छात्र सध अध्यक्ष मोहन शाही ने कहा कि उत्तराखंड केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

अन्तर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन यात्रा के संयोजक संकेत क्षेत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के छात्रों का दौरा के तहत उन्हें मनोरंजन और शिक्षा के साथ जीवन भर का अनुभव मिले। छात्र स्थानीय परिवारों के साथ रहते हैं, जिससे उन्हें यह अहसास होता है कि विविधताओं के बावजूद भारतीय आत्मा और दिल से एक हैं, जिससे राष्ट्र को भावनात्मक रूप से एकीकृत करने में मदद मिलती है।

एबीवीपी के प्रदेष मंत्री ऋशभ रावत ने कहा कि इस यात्रा में भाग लेने वाले पूर्वाेत्तर भारत के युवाओं को देश की विविधता को सीधे तौर पर जानने का मौका मिलेगा और इन युवाओं के जरिए स्थानीय लोगों को पूर्वाेत्तर के बारे में पता चलेगा। अन्य राज्यों के छात्रों को उत्तराखंड की संस्कृति, पहनावे, बोली और पहाड़ी व्यंजनों के बारे में बताया जा रहा है। षील कार्यक्रम आमतौर पर एबीवीपी द्वारा विभिन्न राज्यों के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आयोजित किया जाता है।

इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को विशेष रूप से अन्य राज्यों में अपने शैक्षिक संस्थानों में रहने, पढ़ाई करने, और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलता है। इस पहल का उद्देश्य न केवल छात्रों को शैक्षिक दृष्टिकोण से विकसित करना है, बल्कि उन्हें एक व्यापक दृष्टिकोण भी प्रदान करना है, जिससे वे अपने देश की विविधता को समझ सकें और एकजुटता की भावना को बढ़ावा दे सकें।




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