कलयुग दर्शन (24×7)
नदीम सलमानी (संपादक)
हरिद्वार। मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में चमत्कारिक विजय में जहाँ मंगलौर क्षेत्र की जनता और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भरपूर साथ दिया, वहीं टीम काजी निजामुद्दीन के दिन-रात सक्रिय रहे सदस्यों की मेहनत को भी जनता ने भरपूर समर्थन दिया। विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ भाजपा प्रत्याशी ने दलबल के साथ बेतहाशा प्रचार किया और समाचार पत्रों में प्रचार-प्रसार और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की बड़ी-बड़ी सभाएं कराई, तो वहीं दूसरी ओर टीम काजी निजामुद्दीन ने जनसंवाद तथा सोशल मीडिया को अपना माध्यम बनाकर इस जंग को जीतने में कामयाबी हासिल की। चुनाव का ऐलान होते ही काजी निजामुद्दीन की टीम में झबरेड़ा के पूर्व चेयरमैन जो खुद गुर्जर बिरादरी से थे, ने अपनी पूरी टीम के साथ विधानसभा में कांग्रेस को मजबूत बनाया। इस कार्य में कांग्रेस ओबीसी के प्रदेश अध्यक्ष गौरव चौधरी के पिता जो पूर्व विधायक रहे हैं, चौधरी यशवीर सिंह का व्यक्तित्व भी काम आया। गौरव चौधरी का कद हाई कमान की नजरों में और अधिक बढ़ गया। मंगलौर में अंसारी बिरादरी के मजबूत नेता पूर्व चेयरमैन मरहूम अख्तर अंसारी के सुपुत्र एडवोकेट कलीम अंसारी की शानदार भूमिका ने भी मुस्लिम मतदाताओं पर अच्छी छाप छोड़ी।
कलीम अंसारी ने अपनी बिरादरी के वोट कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को दिलाने में योगदान दिया जो ऐतिहासिक रहा, वहीं जाट बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले रुड़की महानगर कांग्रेस जिलाध्यक्ष एडवोकेट चौधरी राजेंद्र सिंह, जिनका अपना जाट बाहुल्य गांव मंगलौर विधानसभा में पड़ता है, ने पहले ही दिन से मंगलौर विधानसभा के हर गांव में कांग्रेस उम्मीदवार काजी निजामुद्दीन के साथ मिलकर जनजागरण अभियान चलाया। काजी की हर मीटिंग और सभा के आयोजन की जिम्मेदारी स्वयं चौधरी राजेंद्र सिंह ही निभा रहे थे। काजी निजामुद्दीन की पूरी टीम में चौधरी राजेंद्र सिंह एडवोकेट मुख्य भूमिका में रहे और उनकी इस सक्रियता को कांग्रेस हाई कमान ने भी सराहते हुए उनकी पीठ थपथपाई। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री व प्रसिद्ध समाजसेवी सचिन गुप्ता ने भी निजामुद्दीन की हर सभा और कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने भागीदारी निभाकर वरिष्ठ नेताओं और काजी निजामुद्दीन की नजरों में अहम स्थान बनाया है। काजी निजामुद्दीन की सोशल मीडिया तथा सामाजिक तालमेल की जिम्मेदारी के काजी निजामुद्दीन के सहयोगी शारिक सुल्तान व उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे स्वर्गीय सैयद सईदुल हसन के पौत्र सैयद हुसैन अली ने पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाई। शारिक सुल्तान, सैयद हुसैन अली व विकास कुमार ने सोशल मीडिया पर काजी निजामुद्दीन की प्रत्येक मीटिंग, प्रत्येक गतिविधियां, रात-दिन के क्रियाकलापों की सूचना फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाइटअप के अलावा अन्य सोशल मीडिया पर सक्रियता के साथ डाली। प्रत्येक घटना की जानकारी इन सोशल मीडिया माध्यमों से क्षेत्र के मतदाताओं तक तुरंत तौर पर पहुंचती रही और हर घटना पर मतदाताओं के विचार भी आते रहे।
काजी निजामुद्दीन की सोशल मीडिया टीम को प्रदेश हाईकमान के साथ-साथ राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी सराहा, जिसका लाभ कांग्रेस प्रत्याशी को मिला। इसके अलावा जितेंद्र पंवार जो स्वयं गुर्जर बिरादरी से संबंधित है ने पूरी लगन, निष्ठा और ईमानदारी के साथ काजी निजामुद्दीन के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया, यही नहीं की गई प्रत्येक सभा और उनके व्यक्तिगत तमाम विषयों से भी जितेंद्र पंवार सक्रिय रूप से जुड़े रहे। जितेंद्र पंवार खुद भी कांग्रेस के एक दिग्गज नेता हैं। उनके इस चुनाव में अहम् रोल से खानपुर विधानसभा पर उनकी विधायक की दावेदारी मजबूत होती दिखाई दे रही है। चेयरमैन प्रतिनिधि डॉक्टर शमशाद, सज्जादानशीं शाह वकार चिश्ती तथा कांग्रेस युवा नेता मरगूब कुरैशी भी पूरे चुनाव में काजी निजामुद्दीन के प्रत्येक कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए नजर आए, उधर काजी निजामुद्दीन की टीम में मंगलौर के पूर्व चेयरमैन चौधरी मोहम्मद इस्लाम, सलमानी समाज के नेता आकिब जावेद सलमानी, अब्दुल समी एडवोकेट, परवेज मलिक, मीनू पहलवान मलिक, यासिर अराफात, जुबैर अली गौड, नौशाद गौड, हाजी राव शेर मुहम्मद, अल्पसंख्यक नेता हाजी नौशाद अहमद, आशीष सैनी, युवा नेता राजीव चौधरी, वरिष्ठ नेता मोहम्मद अयाज, सुभाष सैनी, शमशाद चेयरमैन, कलीम खान, दलित नेता राजबीर सिंह, मीर हसन, फुजैल काजमी, नवाज काजमी, आदिल फरीदी, रिजवान गौड, अताउर रहमान अंसारी आदि रहे, इनके अलावा कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं में प्रदेश की प्रभारी कुमारी शैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, सांसद इमरान मसूद, प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह, विधायक आदेश चौहान, हाजी फुरकान अहमद, ममता राकेश, वीरेंद्र जाति, रवि बहादुर व अनुपमा रावत सहित पूरे प्रदेश एवं जिले की टीम सक्रिय रूप से मतदान के अंतिम दिन तक काजी निजामुद्दीन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही। काजी निजामुद्दीन ने अपनी जीत का श्रेय पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ-साथ क्षेत्र की महान जनता को दिया।
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