उत्तराखंड

महापंचायत स्थगित किए जाने के बावजूद हजारों की संख्या में लंढौरा राजमहल पहुंचे गुर्जर समाज के लोग

कलयुग दर्शन (24×7)

नरेश कुमार मित्तल (संवाददाता)

हरिद्वार। गुर्जर समाज के द्वारा लंढौरा रंगमहल में महापंचायत का आह्वान किया गया। कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के महापंचायत स्थगित किए जाने के अनुरोध के बावजूद हजारों की संख्या मे लंढौरा राजमहल पहुंचे गुर्जर समाज के लोग। विभिन्न प्रदेशों से आए गुर्जर समाज के नेताओं ने लोगों को संबोधित किया और शांतिपूर्ण तरीके से वापस लौटने का आह्वान किया।

गुर्जर समाज के नेताओं ने एक बार फिर ख़ानपुर विधायक उमेश कुमार के माफी न मांगने पर अगले बुधवार को लंढौरा रंग महल में महापंचायत का ऐलान किया है। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद खारी ने बताया कि प्रशासन के आश्वासन के बाद कल महापंचायत को स्थगित कर दिया गया था।

बावजूद इसके देश के कोने-कोने से आए गुर्जर समाज के लोग कल ही बड़ी संख्या में हरिद्वार पहुंच गए थे। अन्य प्रदेशों से आए लोगों ने लंढौरा रंग महल पहुंचकर बैठक की और आगे की रणनीति पर विचार किया। बैठक के बाद शांतिपूर्ण तरीके से सभी लोग अपने घर वापस चले गए।

आपको बता दें कि खानपुर विधायक उमेश कुमार के कैम्प कार्यालय पर फायरिंग के आरोप में कुंवर प्रणव सिंह की गिरफ्तारी हुई है और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। वहीं उमेश कुमार द्वारा रंगमहल पहुंचकर गाली गलौज और चेतावनी देने के मामले में उन्हें बेल मिल चुकी है।

वहीं पूरे देश के अलग-अलग प्रदेशों में गुर्जर समाज के लोगों ने नाराजगी जताई और एक पक्षीय कारवाई का आरोप लगाते हुए महापंचायत का आह्वान 29 जनवरी को लक्सर में किया था। बीते रोज रानी देवयानी ने महापंचायत स्थगित करने का ऐलान किया था।

इसके वावजूद हजारों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग अलग-अलग प्रदेशों से लंढौरा पहुंच गए। उनका कहना था कि उन्हें महापंचायत स्थगित होने की जानकारी नहीं थी। वहीं वीर गुर्जर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र गुर्जर एवं अन्य नेताओं ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने शासन प्रशासन से दोनों पक्षों पर समान कारवाई की मांग की। साथ ही अगले बुधवार तक का अल्टीमेटम दिया है।

इसके साथ ही लोग शांतिपूर्ण तरीके से रंग महल से अपने-अपने निवास स्थान के लिए रवाना हो गए। इस दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात रही। एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल ने कहा कि रानी देवयानी के द्वारा महापंचायत स्थगित करने की बात कही गई थी लेकिन फिर भी भारी संख्या में लोग रंग महल में पहुंच गए थे। जिससे समाज के लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से वार्ता की गई और वार्ता के बाद सभी लोग अपने-अपने निवास स्थान के लिए लौट गए हैं।




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