तीर्थ नगरी की फिजा बिगाड़ती अवैध रूप से बसी झुग्गी-झोपड़ियां, आखिर कब होगा इनमें बसे लोगों का सत्यापन

कलयुग दर्शन (24×7)
नदीम सलमानी (संपादक)
हरिद्वार। तीर्थ नगरी में कई जगहो पर बसी झुग्गी झोपड़ियां ने शहर की फिजा को खराब कर रखा है। शहर की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जनपद हरिद्वार में पुलिस का सत्यापन अभियान लगातार जारी है। जिसमें मकान मालिकों द्वारा किराएदारों का सत्यापन न करने पर मकान मालिको के खिलाफ चालानी कार्रवाई भी की जा रही है।
पुलिस का मानना है कि लोगों का सत्यापन कर शहर में अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। साथ ही साथ अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले अपराधियों को जेल का रास्ता दिखाया जा सके। इसलिए हरिद्वार जनपद पुलिस द्वारा जिले भर थाना क्षेत्रों में अपना-अपना सत्यापन अभियान लगातार चला रही है।
पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सत्यापन अभियान की हर जगह लोग तारीफ कर रहे है और हो भी न क्यों नहीं, बाहरी राज्यों से आए लोगों की जानकारी मिल सके और बाहरी राज्यों से अपराध करके हरिद्वार धर्मनगरी में रह रहे लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा सके। तो वहीं दूसरी और शहर में चर्चा है कि पुलिस द्वारा मकान मालिकों का तो सत्यापन किया जा रहा है पर हरिद्वार जिले के क्षेत्र में अलग-अलग झुग्गी झोपड़ियां में रह रहे लोगों का सत्यापन अभियान कब चलाया जाएगा।
चर्चा है कि कई बार ऐसा देखा गया है कि झुग्गी झोपड़ी में रह रहे लोगों द्वारा ई रिक्शा में गिरोह बनाकर लोगों से सोने की चीज लूटना, लड़ाई झगड़े के साथ शहर की व्यवस्था को खराब करने में अहम रोल रहता है। गौरतलब है कि झुग्गी झोपड़ी की लगातार तादात बढ़ती ही जा रही है जिसका उदाहरण भगत सिंह चौक के पास, ऋषिकुल मैदान, चंडीघाट और सराय क्षेत्र में कई जगहें ऐसी हैं जहां पर कुछ लोगों ने अपनी जमीनों पर भारी संख्या में झुग्गी झोपड़ियां बनाकर बाहरी लोगों को रखा हुआ है। जिसकी जानकारी किसी के भी पास नहीं है।
पुलिस द्वारा भी उन जगहों पर सत्यापन अभियान नहीं चलाया जाता। जहां पर झुग्गी झोपड़ियां लगाकर लोग रहा रहे है। वहीं पूर्व में भी हरिद्वार क्षेत्र अंतर्गत झुग्गी झोपड़ियों में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई थी। शहर में चर्चा है कि जो झुग्गी झोपड़ियों में अवैध कार्य चल रहे है, जिसमें अवैध शराब बेचना, सट्टा खेलने के साथ कई बाहरी राज्यों से अपराध करके आए लोग झुग्गी झोपड़ियों में रहकर अपना समय काट रहे हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन द्वारा झुग्गी झोपड़ियों का सत्यापन अभियान किस तरीके से चलाया जाता है यह तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा।
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