उत्तराखंडप्रशासन

हरिद्वार: जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने राजस्व वसूली से संबंधित बैठक लेते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा निर्देश

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नदीम सलमानी (संपादक)

हरिद्वार। जिलाधिकारी ने वन विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 6.7 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि लंबित वसूली तथा शमनीय मामलों में प्रभावी कार्यवाही करने तथा खनन हेतु नई लॉट आदि की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व वसूली की मदवार प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने, लंबित वसूली पत्रों का 3 दिन के भीतर मिलान कराने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने आबकारी विभाग द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष के सापेक्ष 72 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति पर संतोष व्यक्त किया।

जिलाधिकारी ने आबकारी विभाग से संबंधित वसूली पत्रों के बारे में जानकारी करने पर आबकारी विभाग द्वारा यह बताया गया कि विभाग द्वारा 26 करोड़ की आर०सी० भेजी गई है। सूची साथ न होने के कारण तहसीलवार स्थिति नहीं बता सके। जिसपर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया गया कि वे भविष्य में बैठक में पूर्ण तैयारी के साथ प्रतिभाग करें एवं विभाग द्वारा किस-किस मद में राजस्व वसूला गया है। इसका ब्यौरा (break up) भी पृथक से विवरण पत्र के साथ संलग्न किया जाय साथ ही विभागीय आय में वृद्धि हेतु आवश्यक सुझावों/विभाग के लम्बित वसूली प्रमाण पत्रों का तहसीलवार विवरण भी उपलब्ध कराते हुए संबंधित सूचना एवं लम्बित वसूली पत्रों की तहसीलवार सूची सहित बैठक में प्रतिभाग करें, ताकि बैठक में उपस्थित उप जिलाधिकारियों से विभाग के वसूली प्रमाण पत्रों की वसूली की प्रगति के बारे में समीक्षा की जा सके। यह भी निर्देश दिये गये कि आबकारी विभाग अपने सभी लम्बित वसूली प्रमाण पत्रों की तहसीलवार सूची 03 दिन के भीतर प्रभारी अधिकारी (संग्रह) एवं संबंधित उप जिलाधिकारी को प्राप्त करा दी जाये, ताकि वें आगामी बैठक में वस्तुस्थिति सही प्रकार स्पष्ट कर सके।

परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 44.63 प्रतिशत राजस्व वसूली पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए राजस्व वसूली की कार्यवाही तेज करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने खनन विभाग को निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 42 प्रतिशत वसूली पर निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद जनपद में अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण के खिलाफ तेजी से कार्यवाही की जाए, क्रेशर की चेकिंग की जाएऔर यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी राजस्व का किसी भी दशा में घाटा न हो। उन्होंने विभिन्न प्रकार की सूचनाएं उप 4जिलाधिकारी कार्यालयों में भी उपलब्ध कराने के निर्देश खनन विभाग के अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन, विद्युत, पर्यटन, सिंचाई, राज्यकार आदि विभागों की गहनता से समीक्षा करते हुए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी, संयुक्त मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा, उप जिलाधिकारी अजय वीर सिंह, गोपाल सिंह चौहान, जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे।

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