उत्तराखंड

धूमधाम से मनाया गया पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्मदिन एवं बाल दिवस

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। मसूरी में कांग्रेस कार्यकर्ता मसूरी के फिष एक्वेरियम में स्थापित जवाहरलाल की मूर्ति पर माल्यर्पण कर मिष्ठान वितरण किया। इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि 14 नवंबर 1889 में जन्मे जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से खास लगाव था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे जिसकी वजह से जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया था।

भारत में 1964 से पहले तक बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था लेकिन जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्म दिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई और आजादी के बाद जब देश के सामने कई चुनौतियां थी तब उनका सामना किया आज जो भारत हम देख रहे हैं वह पंडित नेहरू की दूरदर्शिता का ही परिणाम है।

उन्होंने कहा कि देश की आधारभूत ढांचे शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र के साथ ही पंडित नेहरू ने विदेश नीति को लेकर ही दूरदर्शिता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि एक दूरदर्शी नेता जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी और शिक्षा विज्ञान एवं प्रगति के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किया।

आज दुनिया में भारत की धाक स्थापित करने के पीछे पंडित नेहरू का विजन सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी से लेकर एक सुदृढ़ सशक्त एवं उन्नत राष्ट्रीय की आधारशिला रखने में अपना अमूल योगदान दिया। पंडित नेहरू के आदर्श विचार एवं जीवन मूल्य हम सभी को लिए प्रेरणादायक है और हम सभी लोगों को उनके बताये हुई मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

[metaslider id="7337"]


[banner id="7349"]

Related Articles

Back to top button