उत्तराखंड

उत्तराखंड: 1 जून से 30 जून तक पंप स्टोरेज प्लांट के लिए शटडाउन करेगी टीएचडीसी, यूपी दिल्ली तक पेयजल एवं विद्युत उत्पादन पर पड़ेगा असर

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

नई टिहरी। एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध परियोजना व कोटेश्वर बांध परियोजना में चल रहा है (पीएसपी) पंप स्टोरेज प्लांट को चालू करने के लिए कई राज्यों व टिहरी जनपद के अधिकांश क्षेत्र में पीने के पानी का संकट हो जाएगा। साथ ही गंगा की अवरल धारा रुक जाएगी। इसके लिए टिहरी बांध के अधिकारियों द्वारा भारत सरकार उत्तराखंड सरकार के साथ अन्य राज्यों से भी अनुमति ली गई है। जल्द ही बांध परियोजना के अधिकारी शटडाउन लेने जा रहे हैं।

1 जून से शटडाउन लिया जाएगा। टरबाइन चालू करने को लेकर अब टिहरी बांध परियोजना शटडाउन लेने जा रही है जिससे कई राज्यों सहित टिहरी जनपद में भी पीने का पानी सहित राज्यों में सिंचाई बिजली नहीं मिल पाएगी। साथ ही गंगा की अवरल धारा भी रुक जाएगी हालांकि बांध परियोजना अधिकारियों का दावा है कि जनपद के कई क्षेत्रों में टैंकरों से पानी दिया जाएगा और वहां कार्यकारी संस्थाओं को बजट उपलब्ध कर रहे हैं। इसके लिए अब जिला प्रशासन और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों के बीच इस संबंध में पेयजल संकट ना हो इसके लिए लगातार बैठक की जा रही है। लेकिन पहले ही टिहरी जनपद पीने के पानी के संकट से जूझ रहा है और बांध परियोजना शटडाउन लेने जा रही है। ऐसे में पानी की समस्या एक विकराल रूप धारण कर सकती है।

टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें शटडाउन लेने की अनुमति भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार ने दे दी है और 1 जून 2024 से शटडाउन कर देंगे। शटडाउन लेने से पावर जेनरेशन भी नहीं होगा। कोटेश्वर में झील का पानी काफी कम हो चुका है जिससे 4 पंपिंग योजना घंटा करण पंपिंग योजना कोशियार पंपिंग योजना सारजुला नई टिहरी पंपिंग योजन पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगी। टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों का कहना है कि पंप स्टोरेज प्लांट 1000 मेगावाट का है जिसमें परियोजना अब 250-250 मेगावाट की दो यूनिट तैयार कर रही है और इसके लिए शटडाउन लेना अति आवश्यक है।

पंप स्टोरेज प्लांट की परियोजना जुलाई अगस्त तक काम करना शुरू कर देगी। उन्होंने बताया कि सिविल कार्य किया जाना है जिससे पानी रोका जाएगा और लेवल कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की अनुमति उन्हें मिल चुकी है। वर्तमान में कोटेश्वर बांध का रिजर्वेवायर 600 मीटर है और 596 आर एल तक हो जाएगा जिससे गंगा के जलस्तर में काफी कमी आएगी। साथ इस पंप स्टोरेज प्लांट के तैयार हो जाने से रिवर्स वाटर से बिजली उत्पादन में यहा देश का सबसे पहला प्रोजेक्ट होगा जो बनकर तैयार होगा।

अब देखना होगा कि टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी व जिला प्रशासन पीने के पानी लोगों को प्राप्त मात्रा में उपलब्ध कराता है या फिर लोग पीने के पानी के लिए तरसते रहेंगे। तथा भागीरथी और अलकनंदा का संगम देवप्रयाग में होता है वहीं से गंगा नदी कहलाती है। भागीरथी नदी का पानी न पहुंचने से ऋषिकेश, हरिद्वार, वाराणसी, इलाहाबाद जैसे धार्मिक स्थलों को भागीरथी के पानी को तरसना पड़ेगा एक माह के लिए।




[banner id="7349"]

Related Articles

Back to top button