आस्थाउत्तराखंड

आध्यात्म दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, आषाढ़ मास: स्वामी रामभजन वन

देवशयनी भगवान जगन्नाथ, रथयात्रा और गुरु पूर्णिमा जैसे पर्व का आयोजन

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

डरबन। सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने वाले शिवा शक्ति मेडिटेशन सेंटर दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संत स्वामी रामभजन वन जी महाराज ने आषाढ़ मास के महात्म्य की चेतावनी देते हुए कहा कि यह काल आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसमें कई बड़े धार्मिक पर्व, व्रत और अनुष्ठान होते हैं। इस माह के प्रमुख त्योहारों में देवशयनी एकादशी, जगन्नाथ रथयात्रा, और गुरु पूर्णिमा शामिल हैं। इन उत्सवों का सीधा संबंध भगवान विष्णु और गुरु परंपरा से होता है, जो इसे भक्ति और साधना के लिए सहयोगी बनाते हैं। स्वामी रामभजन वन जी महाराज ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह वर्ष का चौथा महीना होता है, जिसकी शुरुआत ज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद होती है। इस वर्ष आषाढ़ माह 12 जून 2025 से शुरू होकर 10 जुलाई 2025 तक रहेगा। आषाढ़ माह में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है।

सिद्धांत यह है कि इस मास से देवशयन अवतरण होता है, यानी भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस कारण इस माह के बाद विवाह आदि मांगलिक कार्य कुछ समय के लिए अनवेल हो जाते हैं। इस माह विशेष रूप से श्रीहरि विष्णु के दर्शन और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। स्वामी रामभजन वन जी महाराज कहते हैं कि गुरु पूर्णिमा इस माह का प्रमुख पर्व है, इसलिए अपने आध्यात्मिक या शिष्य गुरु का दर्शन और सेवा करें। मानसिक एवं आत्मिक बल बढ़ाने के लिए ध्यान, मंत्रजप एवं योग का अभ्यास करें। इस महीने अन्न, वस्त्र, छाता, जलपात्र आदि का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से एकादशी व्रत का पालन करने से शरीर और मन की शुद्धि में सहायक होता है विवाह, गृह प्रवेश जैसे कार्य इस माह से अनिष्ट हो जाते हैं, क्योंकि देवशयन काल प्रारम्भ हो जाता है। इस महीने में शुद्ध और सात्विक आहार अपनाना अनिवार्य माना गया है। इससे शरीर और मन दोनों शुद्ध रहते हैं। धार्मिक संबंधों का उल्लंघन, झूठ बोलना, छल-कपट, चोरी जैसे कर्म से छूट। इस मास में पेड़ों की कटाई से बचाव। वृक्ष-पौधे जीवन का आधार होते हैं और धार्मिक दृष्टि से इनका संरक्षण शुभ माना जाता है।

[metaslider id="7337"]


[banner id="7349"]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button