रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में मनाया गया विश्व हाथी दिवस, कॉर्बेट नेशनल पार्क में हैं 1200 से ज्यादा हाथी
कलयुग दर्शन (24×7)
दीपक झा (संवाददाता)
रामनगर। हाथियों के संरक्षण व संवर्धन के लिए 2012 से विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। इस मुहिम पर कॉर्बेट पार्क बेहतर तरीके से कार्य कर रहा है। लगातार पार्क में बढ़ रही है हाथियों की संख्या। हाथी एक दिन में 300 किलोग्राम तक भोजन करता है। हाथी को धरती का सबसे बड़ा स्तनपायी यानी मैमल माना जाता है। ये कुछ चकित करने वाले वैज्ञानिक तथ्य हैं। वहीं हिंदू धर्म शास्त्रों में हाथी को भगवान गणेश का स्वरूप माना गया है।
मान्यताओं के अनुसार जिस घर में हाथी की मूर्ति होती है उस घर में भगवान गणेश का वास माना जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है। आज विश्व हाथी दिवस पर पेश है कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के अलग-अलग क्षेत्रों में हाथियों के संरक्षण के लिए जागरूक कार्यक्रम किये जा रहे है। वहीं कॉर्बेट पार्क के बिज़रानी गेट पर स्कूली बच्चों को हाथी के संरक्षण की जानकारी दी गयी, जिसमे बताया गया कि हाथी हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। अपको बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में लगातार हाथियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
2020 की गणना में कॉर्बेट में हाथियों की संख्या बढ़कर 1220 से ज्यादा हो गई, वहीं वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कि हाथी प्रतिवर्ष 350 से 500 वर्ग किलोमीटर विचरण करते हैं। तेजी से खंडित होते जा रहे प्राकृतिक परिदृश्यों ने इस वृहद आकार वाले स्तनधारी जानवर को मनुष्यों की रिहायशी बस्ती में प्रवेश करने को मजबूर कर दिया है। यही कारण है कि आए दिन मानव वन्यजीव संघर्ष की खबरें देखने और सुनने को मिलती हैं। वे कहते हैं कि हाथियों के जीवन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से ही हाथी गलियारे का निर्माण किया गया। हाथी गलियारा न केवल हाथियों के लिए बल्कि मनुष्यों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
वहीं इस विषय में कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि आज ‘विश्व हाथी दिवस’ है। हाथियों के संरक्षण और लोगों को जागरूक करने के लिए पूरी दुनिया 12 अगस्त को ‘विश्व हाथी दिवस’ रूप में मनाती है। अमित ने कहा कि आज हम कॉर्बेट पार्क में स्कूली बच्चों के साथ ही अपने वनकर्मियों के साथ हाथियों के संवर्धन व संरक्षण को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
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