आस्था

बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड के देवालय में छः दिवशीय स्थापत्य एवं वास्तु ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ

कलयुग दर्शन (24×7)

नदीम सलमानी (संपादक)

सहारनपुर। गांगनौली स्थित बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड के देवालय में छः दिवशीय स्थापत्य एवं वास्तु ज्ञान यज्ञ का प्रातः काल सुन्दर कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। कथा व्यास आचार्य श्री सुशील बलूनी जी के मार्गदर्शन में यूनिट तथा स्थानिय माताओं व बहनों ने भारी संख्या में बढ़-चढ़ कर उत्साह पूर्वक भाग लिया।

प्रातः काल के उद्बोधन में आचार्य जी ने छः दिनों के कथा मर्म पर सारांश रूप में चर्चा की। संध्याकाल 4:00 बजे से आरम्भ हुई कथा में श्री आचार्य सुशील बलूनी जी ने विषय पर प्रकाश डालते हुये बताया कि वास्तु वास-निवास करने का विज्ञान है मनुष्यों को ईट गारे के भवन में रहना है। दोनो पंचमहाभूतों से बने है। शरीर को स्वस्थ निरोगी रखोगें तो आत्मा सुखी होकर आनंद से शरीर में रहेगी। घर को स्वच्छ, साफ, मजबूत व सकारात्मक रखोगें तो आप व आपका परिवार ठीक प्रकार सुखपूर्वक उस भवन में निवास करेगा। आचार्य जी ने कहा कि शरीर तथा घर दोनों के ही वास्तु पर ध्यान देने की जरूरत है।

दोनों ही हमारी मूल-भूत जरूरत है। आचार्य बलूनी जी ने बताया कि “प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीवन को जीना ही वास्तु शास्त्र का सिद्धांत है। ऐसे जीयो कि आपके जीने से प्रकृति को कष्ट न हो तभी आपको परमात्मा की कृपा प्राप्त होगी व भाग्योदय होगा। प्रथम दिन भवन वास्तु के व्यावहारिक पक्ष पर विस्तार से चर्चा करते हुये कोणों दिशाओं तथा अन्येन्य विषयों पर चर्चा करते हुये आचार्य जी ने वास्तु की जीवन में उपयोगिता को सरलतम रूप से समझाया।

आज की कथा में मुख्य अतिथि के रूप में श्री सुशील कुमार, जिला गन्ना अधिकारी, सहारनपुर रहे। भारी संख्या में कारखाना तथा स्थानीय लोग उपस्थित हुये। साथ ही श्री अजय कुमार शर्मा जी, प्रबंध निदेशक बी०एच०एस०एल०, श्री किरन पाल सिंह जी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बी०एच०एस०एल०, शुगर यूनिट, किनौनी, श्री वेद प्रकाश गोड़ बी०एच०एस०एल०, आसवनी इकाई, गांगनौली, श्री हरविश कुमार मलिक, वरिष्ठ महाप्रबन्धक/ इकाई प्रमुख बी०एच०एस०एल०, शुगर यूनिट, गांगनौली, श्री अनिल कुमार चौहान, महाप्रबन्धक (गन्ना), श्री नवीन कुमार, इंजीनरियरिंग हैड, श्री महकार सिंह, प्रोडक्शन हैड, श्री रूपेश पुंडीर, लीगल हैड़, श्री सुभाष बहुगुणा, एकाउंट्स हैड, श्री अखिल सिंह, एच०आर० हैड़ व श्री संदीप खोकर ने भी अपनी उपस्तिथि दर्ज की।




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