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मसूरी: नगर पालिका द्वारा एक करोड़ की लागत से निर्मित बायोमेथेन प्लांट ठप, गीले और सूखे कूड़े का लगा ढेर, गंदगी और बदबू से लोगों का हाल बेहाल

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

मसूरी। नगर पालिका द्वारा मसूरी में गीले और सूखे कूड़े को निस्तारण को लेकर मसूरी टिहरी बाइपास रोड आइडीएच बिल्डिग के पास एक करोड रूप्ये की लागत से एमआरएफ केंद्र और बायोमिथेन का निर्माण कराया गया था जिसका शुभारंभ नबम्बर 2023 में किया गया था परंतु वर्तमान में एमआरएफ सेंटर पर सुखे कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं हो पा रहा है तो वहीं बायो मिथेन प्लांट पूरी तरीके से ठप पड़ा हुआ है।

एमआरएफ सेंटर के सूखे कूड़े का अंबार लग गया है जिससे गंदगी चारों तरफ फैली हुई है। वही बदबू से आसपास के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। वही दूसरी तरफ बायो मिथेन प्लांट पूरी तरीके से ठप्प होने के कारण गिला कूड़े का निस्तारण नही हो पा रहा है जिससे एमआरएफ सेंटर के निचले वाले क्षेत्र में गिले कूडे का ढेर लग गया है।

गंदगी और बदबू से पूरा क्षेत्र बेहाल है। वही गिले कूडे से निकलने वाली गैस से लोगों को बिमारी फैलने का भी खतरा हो गया है। बता दे कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा एमआरएफ सेंटर को संचालित करने का कम नोओबेसट इनवारेनमेंटल सॉल्यूशन एलएलबी को ठेके पर दिया गया हैं व बायोमेथेन प्लांट का मुसकान एसोसिएट को दिया गया है परन्तु एक साल के समय होने के बाद भी बायोमेथेन प्लांट से ना तो बिजली बन पाई है और ना ही खाद्य बनी है।

एमआरएफ सेंटर में भी काफी कमियां देखी जा रही है वहां पर कर्मचारियों की संख्या काफी कम है जबकि ठेकेदार द्वारा 22 कर्मचारी मौके पर बताये जा रहे हैं जबकि सूत्रो के अनुसार मात्र 8 लोग ही एमआरएफ सेंटर में कार्य करते है।

संचालक ने बताया कि बुधवार को बिजली की कटौती होने के कारण एमआरएफ सेंटर में मशीन नहीं चल पाई जिससे सेंटर में कूड़े का ढेर लग गया है उन्होने कहा कि एमआरएफ सेंटर में रोज 20 से 22 टन कूड़ा एकत्रित होता है जिसमें से सूखे कूड़े को रोज सौ प्रतिशत निस्तारण कर दिया जाता है।

अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि नगर पालिका प्रषासन द्वारा मसूरी में गिले सूखे कूडे के निस्तरण को लेकर एमआरएफ सेंटर और वायोमिथेन प्लांट का निर्माण करवाया गया है जिसको लेकर सूखे कूडे का निस्तारण रोज किया जा रहा है व बुधवार को बिजली कटौती के कारण सूखे कूडे का निस्तारण नही हो पाया व बायोमिथेन प्लांट में कुछ तकनीकी दिक्कत और मशीन के खराब होने के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है जिस वजह से गिले कूड़ा एकत्रित हो गया है।

उन्होंने कहा कि जल्द बायोमिथेन प्लांट की मषीनों को ठीक कराकर प्लांट को षुरू कर दिया जायेगा। उन्होने कहा कि पालिक प्रषासन द्वारा 11 अक्टूबर को वायोमिथेन संचालक कर रही कम्पनी को नोटिस देकर प्लांट को षुरू करने के निर्देष दिये गए है, अगर उसके द्वारा प्लांट को जल्द षुरू नही किया जाता तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।

बता दे कहा कि बायोमैथेन प्लांट लगने के बाद इससे बिजली का उत्पादन होना था। वहीं खाद्य भी बनाई जानी थी परन्तु एक साल का समय होने के बाद पालिका को एमआरएफ सेटर और वायोमिथेन प्लांट से एक रूप्ये की भी आय नही हो पाया है।

वही पालिका द्वारा दावा किया जा रहा था कि बायोमिथेन प्लांट से 25केवी बिजली का उत्पादन होना था वही पालिका की आय में वृद्धि होगी, वहीं मसूरी जीरो वेस्ट होगी। प्लांट लगने के बाद मसूरी शहर का शत प्रतिशत कूड़े का निस्तारण होना था।

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