उत्तर प्रदेश

पहलगाम हमला आतंकवादियों का कायरता पूर्ण कार्य, रक्षा क्षेत्र में बढ़ती निजी कंपनियों की भागीदारी से सेना के साथ देश की सुरक्षा हो रही कमजोर

कलयुग दर्शन (24×7)

मो. नदीम (संपादक)

कानपुर (उत्तर प्रदेश)। जम्मू कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को दिल दहला देने वाले हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आतंकियों के द्वारा 27 निर्दोष पर्यटकों की बेरहमी हत्या ने न केवल मानवता को शर्मशार किया है, बल्कि एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ये क्रूर आतंकवादी किसी इंसानियत या धर्म के दायरे में नहीं आते। इस वीभत्स और दर्दनाक घटना की कड़ी निंदा करते हुए कानपुर के फूलबाग में स्थित आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) की किला मजदूर यूनियन ने हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों की याद में शुक्रवार को यूनियन कार्यालय में शोक सभा का आयोजन किया और दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रृद्धांजलि दी और हमले को अत्यन्त पीड़ादायक कहा। इसके बाद यूनियन के महामंत्री समीर बाजपेई ने इसे आतंकियों की बहुत ही क्रूर कायराना हरकत बताया। उन्होंने गहरे दुःख के साथ कहा कि यह हमला केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व जगत के लिए चेतावनी है कि आतंकवाद एक वैश्विक संकट बन चुका है और इसके पूरी तरह से खात्मे के लिए अंतरराष्ट्रीय एकता अनिवार्य है। उन्होंने इस दौरान देश की रक्षा नीति और संसाधनों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रक्षा जैसे अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में निरंतर निजी कंपनियों को भागदारी बढ़ाई जा रही है। निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ने से गोपनीयता की कोई गारंटी नहीं रह जाती है।

निजी कंपनियां अपने प्रॉफिट के हिसाब से रक्षा उत्पादों का उत्पादन करती हैं और किसी को भी बेचती हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पहलगाम में हमला करने वाले आतंकी सेना की वर्दी में थे। जिससे कोई भी कहीं पर भी भ्रमित हो सकता है। पहले सेना की वर्दी, जूता, बैग आदि का उत्पादन रक्षा कारखानों के द्वारा किया जाता था। जिसको केवल सेना को ही सप्लाई किया जाता था। आज कई निजी कंपनियां वर्दी से लेकर कई तरह के रक्षा उत्पादों को बना रही हैं। जिन्हें कोई भी आसानी से बाजार से कंपनियों से सीधे खरीद सकता है।देश की सुरक्षा के लिए पिछले कई दशकों से अहम भूमिका निभा रही आयुध निर्माणियों को वर्ष 2021 में निगमीकरण के तहत कारपोरेट रूप दे दिया गया, जिससे न केवल आयुध निर्माणियों के अस्तित्व पर संकट आया है, बल्कि सेना को समय पर जरूरी सामग्री की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। निगमीकरण के बाद से आयुध निर्माणियों में स्थाई नियुक्तियां पूरी तरह से बंद हैं। ठेके पर लोग लिए जा रहे हैं और काम की मात्रा में भारी गिरावट आई है। निजी कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे उत्पादन की गुणवत्ता, गोपनीयता और समयबद्ध आपूर्ति दोनों प्रभावित होंगे। जिसका सीधा असर सेना की क्षमता पर देश की सुरक्षा पर पड़ेगा। जिसका ताज़ा उदाहरण सेना की वर्दी में आतंकियों द्वारा पहलगाम में हुआ बहुत ही वीभत्स आतंकी हमला है।

रक्षा क्षेत्र में बढ़ती निजी कंपनियों की भागीदारी देश की सुरक्षा और सेना दोनों कमजोर हो रहें है। आयुध निर्माणियों की स्थापना नो लॉस और नो प्रॉफिट की नीति के तहत सेना के लिए की गई थी। किला मजदूर यूनियन के महामंत्री समीर बाजपेई ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और आयुध निर्माणियों को रक्षा मंत्रालय के अधीन पुनः लाकर उन्हें पहले की तरह सरकारी स्वरूप में पूर्ण रूप से बहाल करे और रक्षा क्षेत्र में बढ़ती निजी भागीदारी पर पूरी तरह से रोक लगे। देश और देशवासियों की सुरक्षा से सर्वोपरि कुछ भी नहीं होना चाहिए। उन्होने कहा कि आतंकियों से सख्ती से निपटने के लिए सैन्य बलों को मजबूत करने के साथ साथ आवश्यक संसाधन भी गुणवत्ता के साथ समय पर उपलब्ध कराना होगा आतंकवाद जैसी विकराल समस्या से निपटने के लिए जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है, वहीं देश के अंदर सुरक्षा व्यवस्था और उत्पादन संसाधनों को मजबूत करना भी उतना ही जरूरी है।

पहलगाम की घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि अब समय आ गया है, जब देश की आंतरिक नीतियों की समीक्षा कर हर स्तर पर सुरक्षा को प्राथमिकता पहले देनी चाहिए। इस दौरान मुख्य रूप से महामंत्री समीर बाजपेई, कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल कुमार, उपाध्यक्ष नरेश तिवारी, सुधीर सिंह, एलपीसी मेंबर नीरज सिंह, संयुक्त मंत्री राजकुमार गौतम, ब्रजेश तिवारी, कोषाध्यक्ष मोहित कुमार शुक्ला, संजय गुप्ता, मोहम्मद अजीम, विजय पाल, रंजीत सिंह राणा, निशात अनवर, दिनेश पाण्डेय, अरविंद द्विवेदी, मिथिलेश प्रसाद, राकेश द्विवेदी, चंद्रशेखर, अरविंद राठौर, रोहित तिवारी, सलीम खान आदि रहे।

[metaslider id="7337"]


[banner id="7349"]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button