पिरान कलियर में मेहंदी की रसम, प्रधान ने किया ताजिया कमेटी का भव्य स्वागत
हजारों अकीदतमंदों ने की मेहंदी की जियारत, शरबत, लंगर और दस्तारबंदी के साथ हुआ मेहमानों का इस्तकबाल

कलयुग दर्शन (24×7)
अवधेश भूमीवाल (संवाददाता)
पिरान कलियर मोहर्रम के पाक महीने की सात तारीख को सूफियाना परंपराओं और मिल्लत-ए-इस्लामिया के तहज़ीबी विरसे की एक अनूठी झलक पिरान कलियर में देखने को मिली। विश्वविख्यात दरगाह साबिर पाक से उठाई गई मेहंदी रस्म, हजारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में नगर भ्रमण करती हुई, पंडित जावेद साबिर के आवास पहुंची, जहां ताजिया कमेटी के सदस्यगण और अन्य मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। भव्य आयोजन बना सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पंडित जावेद साबिर के आवास पर आयोजित इस रस्म में साम्प्रदायिक सौहार्द और इंसानियत की मिसाल पेश की गई। यहां पर आए मेहमानों और जायरीनों के लिए विशेष लंगर, शरबत, नाश्ता और दस्तारबंदी की व्यवस्था की गई। इसके पश्चात मेहंदी को रवाना कर दरगाह शरीफ के दखनी गेट पर रखा गया। मेहंदी रस्म से ताजिया का सिलसिला 8 मुहर्रम को मेहंदी को ताजिए के पास रखा जाता है, और 9 मुहर्रम को यह मेहंदी ताजिया जुलूस के साथ शरीक होती है। 10 मुहर्रम को कर्बला शरीफ पहुंचता है, जहां इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत की याद में , मिलाद और मजलिसें आयोजित होती हैं।
पंडित जावेद साबिर बोले- “यह तहज़ीब की पहचान है”
इस मौके पर आयोजक पंडित जावेद साबिर ने कहा- मेहंदी की यह रस्म इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद दिलाने के साथ-साथ कलियर की गंगा-जमुनी तहज़ीब और भाईचारे का प्रतीक है। हम हर वर्ष इसे खुले दिल से निभाते हैं ताकि आने वाली नस्लें मोहब्बत और इंसानियत का पैगाम सीख सकें।
इंतजार प्रधान बोले “ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने का काम करते हैं”
इस अवसर पर सुराज सेवा दल के वरिष्ठ नेता इंतजार प्रधान ने भी आयोजन की सराहना करते हुए कहा पिरान कलियर की ज़मीन सूफियाना और इंसानियत से लबरेज़ है। ऐसे आयोजन मजहब की दीवारें गिराकर एकता और भाईचारे को मज़बूत करते हैं। पंडित जावेद साबिर ने जिस मोहब्बत और अदब से इस रस्म को निभाया, वह समाज के लिए एक मिसाल है।
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