कलयुग दर्शन (24×7)
सरविन्द्र कुमार (प्रधान संपादक)
हरिद्वार। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में उत्तराखंड प्रदेश में हुए आम चुनाव में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में पहली बार युवा वर्ग ने अपने वोट का इस्तेमाल करते हुए लोकतंत्र के पर्व को उल्लास से मनाया। हरिद्वार जनपद में आचार संहिता लगते ही अन्य दलों के अलावा भाजपा द्वारा भी जनसंपर्क अभियान तेज करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारा, हालांकि कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत पर भरोसा जताया, तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खानपुर विधायक उमेश कुमार शर्मा ने भी अपना पर्चा भरा।
बसपा की स्थिति यहां हरिद्वार में 2004 में हुए लोकसभा चुनाव जैसी रही, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मुजफ्फरनगर से पैराशूट प्रत्याशी को मैदान में उतरा गया था। इस प्रकार बसपा ने भी 2024 में एक बार फिर पैराशूट प्रत्याशी के रूप में बाहरी प्रत्याशी को ही चुनाव में टिकट दिया। बसपा प्रत्याशी की स्थिति शुरू से ही काफी कमजोर रही और धीरे-धीरे वह चुनावी दौड़ से बाहर होते चले गए। आज हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थक तथा उनकी पार्टी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त दिखाई दी।
अधिकतर का मानना है कि पार्टी के प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ढाई लाख से अधिक मतों से दर्ज करेंगे, हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी को जहां मुस्लिम मतों पर ही संतोष करना पड़ेगा, तो वहीं भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में पार्टी के अपने कैडर वोट के अलावा दलित व मुस्लिम वोट मिलने से पार्टी की जीत को लेकर भाजपा समर्थकों में बेहद खुशी की लहर पाई गई है, अब क्योंकि सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीन में बंद हो चुका है तो यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा कि ऊंट कैसे करवट बैठेगा तथा जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, बहरहाल भाजपा प्रत्याशी की जीत को लेकर अभी से पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने एक दूसरे को बधाई देनी शुरू कर दी है।
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