उत्तराखंडप्रशासन

वर्दी में फ़रिश्ते बने देवबंद मंगलौर चौकी इंचार्ज चौधरी अजब सिंह

किसी परिवार कि मुस्कान, इंसानियत मानवता अभी जिंदा है और वर्दी सिर्फ कानून के लिए ही नहीं करुणा के लिये भी पहचानी जाती है

कलयुग दर्शन (24×7)

अबलीश कुमार (सहारनपुर संवाददाता)

सहारनपुर। कभी-कभी कुछ घटनाएं हमें भीतर तक झकझोर देती है व हमें यह एहसास कराती हैं की इंसानियत अभी जिंदा है और वर्दी सिर्फ कानून की नहीं करुणा की भी पहचान हो सकती है। थाना देवबंद क्षेत्र के मंगलौर चौकी इंचार्ज दबंग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट चौधरी अजब सिंह तो नाम आपने सुना ही होगा अब उनके काम के बारे में भी जानिए मंगलौर चौकी इंचार्ज चौधरी अजब सिंह वह उनकी टीम की एक ऐसी ही कहानी ने लाखों दिलों को छू लिया है। एक थाना देवबंद क्षेत्र के मंगलौर चौकी इंचार्ज चौधरी अजब सिंह व उनकी टीम की तत्परता और संवेदनशीलता ने न सिर्फ मात्र कुछ ही घंटे में ही एक बच्ची को ढूंढ कर उसके परिवार से मिला दिया और वाकई में ही वर्दी की गरिमा को भी चार चांद लगा दिए इस मानवता भरे काम ने एक बार फिर साबित कर दिया की वर्दी पहनने वाले सभी लोग सिर्फ नियमों की किताब से नहीं चलते व संवेदना जिम्मेदारी और मानवता की मिसाल भी होते हैं।

जब कोई अपनी जान की परवाह किए बिना किसी अनजान के लिए दौड़ पड़ता हो या बिछड़े हुए को उसके परिवार वालों से मिलवाता हो तो वह मेहज पुलिस वाला नहीं रहता वह एक प्राकृतिक फरिश्ता बन जाता है। कहते हैं कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और इस थाना देवबंद क्षेत्र के मंगलौर चौकी इंचार्ज दबंग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट चौधरी अजब सिंह व उनकी टीम ने वही धर्म निभाया। हमें समाझ में पुलिस की भूमिका को सिर्फ कानून और अपराध के चश्मे से नहीं देखना चाहिए कई बार पुलिस वाले सिर्फ सरकारी कर्मचारी नहीं होते बल्कि व रक्षक मार्गदर्शक और जीवनदाता भी होते हैं समाज का कर्तव्य ऐसे सच्चे हीरो की ना मीडिया में ज्यादा जगह मिलती है ना सोशल मीडिया पर उतनी वाहवाहि लेकिन हमारा फर्ज बनता है कि हम ऐसे अफसरो को सराहये उन्हें प्रेरणा का स्रोत बनाएं ताकि और भी लोग इस तरह की जिम्मेदारियो को सम्मान की नजर से देखें।

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