उत्तर प्रदेश

योगी सरकार गन्ने का लाभकारी मूल्य 700 रूपये कुंतल तत्काल घोषित करें: भगत सिंह वर्मा

डॉ एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गन्ने का लाभकारी मूल्य प्रदेश सरकार घोषित करें: भगत सिंह वर्मा

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अबलीश कुमार (सहारनपुर संवाददाता)

सहारनपुर। यहां रविदास मार्ग कार्यालय पर एक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है। प्रदेश के गन्ना किसानों की बढ़ती हुई लागत को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी गन्ने का लाभकारी मूल्य 700 रुपए कुंतल तत्काल घोषित करें। खाद बीज कीटनाशक दवाई डीजल कृषि यंत्र लेबर लगातार महंगे होने के कारण गन्ना उत्पादन लागत लगातार बढ़ती जा रही है। गन्ना किसानों की उत्पादन लागत 550 रुपए कुंतल हो गई है। देश के महान कृषि वैज्ञानिक हरित क्रांति के जनक भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों के सभी खर्च और लागत जोड़ते हुए सीटू प्लस 50% के अनुसार प्रदेश में गन्ने का लाभकारी मूल्य 825 रुपए कुंतल होना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि 825 रुपए नहीं तो कम से कम 700 कुंतल गन्ने का मूल्य कम से कम होना चाहिए। शुगर कंट्रोल ऑर्डर 1966 और गन्ना एक्ट के अनुसार जिन चीनी मिलों पर प्रदेश और देश के गन्ना किसानों का पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज करोड़ों रुपए बकाया है और गन्ना किसानों का गन्ना भुगतान बकाया है। ऐसी चीनी मिलों को गन्ना किसानों से किराया काटने का भी अधिकार नहीं है। लेकिन सरकार की मिली भगत के कारण चीनी मिल मालिक गन्ना किसानों का लगातार शोषण कर कर रहे हैं। जिसके लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार सीधे-सीधे जिम्मेदार है। चीनी मिल मालिक सभी नियमों को ताक पर रखकर चीनी मिलों के कांटों में भारी घटतौलि करते हैं। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि वर्ष 1967 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह जी होते थे। उस समय गन्ने का मूल्य 12 रुपए 10 पैसे कुंतल था।

मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह जी ने प्रदेश के गन्ना किसानों के हित में इस वर्ष 5 कुंतल गन्ने का मूल्य बढ़ा दिया था। वर्ष 1967 में प्राइमरी स्कूल के अध्यापक की नौकरी 70 प्रति माह थी। डीजल 20 पैसे लीटर था। सोना प्रति 10 ग्राम 130 था। प्राइमरी स्कूल के अध्यापक की नौकरी आज 1000 गुना से अधिक बढ़कर 70000 रुपए से लेकर 100000 तक प्रतिमा है और सोने की कीमत भी एक हजार गुणा बढ़ गई है। इस हिसाब से तो गन्ने का मूल्य 12000 कुंतल होना चाहिए। गन्ना देश और सभी प्रदेशों की आर्थिक रीढ़ है। गन्ना किसानों की मेहनत के बल पर प्रदेश और देश प्रतिवर्ष हजारों नहीं लाखों करोड़ रुपए एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स के रूप में सरकार वसूलती हैं। इस सबके बावजूद भी जानबूझकर सरकार और दिल्ली लुटियंस जोन में बैठे हुए नेता देश और प्रदेश की गन्ना किसानों को खोई के बराबर भी दाम नहीं दिला पा रहे हैं। जिसके कारण लगातार किसानों पर कर्ज के बढ़ते हुए किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने प्रदेश और केंद्र सरकार की सरकारों चीनी मिल मालिको गन्ना विभाग और प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जल्द ही गन्ने का लाभकारी मूल्य 700 कुंतल घोषित नहीं किया चीनी मिलों से पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा 18 हजार करोड़ रुपए ब्याज गन्ना किसानों को नहीं दिलाया चीनी मिलों में घटतोली रोकने के लिए कड़े कम नहीं उठाये। और चीनी मिलों से पिछले वर्षों का बकाया गन्ना भुगतान तुरंत नहीं दिलाया तो प्रदेश के गन्ना किसान बड़ा आंदोलन करेंगे और चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति बंद कर देंगे। भगत सिंह वर्मा ने बताया कि हरियाणा में पिछले 3 वर्षों से उत्तर प्रदेश से 50 कुंतल गन्ना मूल्य अधिक है। और इस बार भी हरियाणा सरकार ने 415 रुपए कुंतल गन्ना मूल्य घोषित कर दिया है वह भी बहुत कम है। बैठक की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश सचिव मास्टर रईस अहमद ने की और संचालन राष्ट्रीय सलाहकार हाफिज मुर्तजा त्यागी ने किया। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल प्रदेश संगठन मंत्री धर्मवीर चौधरी प्रदेश सचिव रिशिपाल गुर्जर जिला उपाध्यक्ष वसीम जहीरपुर जिला मंत्री मोहम्मद राशिद मोहम्मद तबरेज गुलरेज हाजी साजिद हाजी सुलेमान महबूब हसन रविंद्र प्रधान सुधीर चौधरी हरपाल सिंह जोगेंद्र सिंह अमीर आलम नरेश कुमार एडवोकेट आदि ने भाग लिया।

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