उत्तराखंड

बजरंग दल किसी भी समय होने वाले प्रत्येक घात-प्रतिघात का समुचित प्रतिकार करने की प्रेरणा समाज के अंदर देने का काम करता है: रविदेव आनंद

हिन्दू युवा हिन्दू मान बिन्दुओं का अपमान नही सह सकता, चाहे कितना भी बलिदान देना पड़े: अनुज वालिया

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

हरिद्वार। विश्व हिन्दू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल का शौर्य प्रशिक्षण वर्ग गुरुकुल महाविद्यालय के प्रांगण में 24 मई से 31 मई तक आठ दिवसीय आयोजित किया जा रहा हैं। बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में आज विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत अध्यक्ष रविदेव आनंद ने बजरंग दल की स्थापना, उद्देश्य और उपलब्धियां विषय पर युवा शिक्षार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि 8 अक्टूबर सन 1984 को बजरंग दल का जन्म श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से हुआ था। संघर्ष से जन्म लेकर हिंदुत्व के लिए, गौरक्षा के लिए, हिन्दू कन्या, मठ मन्दिर, साधु संतों की रक्षा के लिए सतत संघर्ष का संकल्प लेकर हिन्दू समाज को सेवा सुरक्षा संस्कार के माध्यम से संगठित कर राष्ट्रीय विचारों का प्रबोधन कर युवा शक्ति को खड़ा करना बजरंग दल का कार्य है। युवाओं में सामाजिक संस्कारों के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति का जागरण करने का काम बजरंग दल के माध्यम से किया जाता है। रक्तदान शिविर, आपदा प्रबंधन, कौशल विकास, व्यक्तित्व विकास, धर्म जागरण हेतु मठ मंदिरों में सत्संग, जागरण, श्री हनुमान चालीसा एवं सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन इत्यादि बहुत से रचनात्मक कार्यों द्वारा बजरंग दाल सेवा कार्यों में अपना योगदान समाज को दे रहा है। अपने देश एवं राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति निष्ठावान ये बजरंगी देश और समाज में प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में संलग्न है, जो असमय होने वाले प्रत्येक घात-प्रतिघात का समुचित प्रतिकार करने की प्रेरणा समाज के अंदर देने का काम करता है।

रविदेव आनंद ने कहा कि अक्टूबर सन 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में नियमित रूप से शोभायात्रा निकालनी शुरु की। इन झाँकियों को श्रीराम जानकी रथयात्रा के नाम से जाना जाता था। जिसका उद्देश्य हिंदू समाज में साँस्कृतिक चेतना पैदा करना था। समाज के कुछ तबकों ने इसे हिंदू समर्थक आंदोलन के रूप में प्रचारित करना शुरु किया, जिसके फलस्वरूप सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ। श्रीराम जानकी रथ यात्रा अयोध्या से प्रस्थान के समय तत्कालीन सरकार ने सुरक्षा देने से मना कर दिया, उस समय संतो के आह्वान पर विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वहां उपस्थित युवाओं को यात्रा की सुरक्षा का दायित्व दिया श्रीराम जानकी रथयात्रा की अराजक तत्वों से रक्षा के लिए एक दल का जन्म हुआ, जिसे बजरंग दल के नाम से जाना गया। इनके लिये कहा गया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के कार्य के लिए हनुमान सदा उपस्थित रहे है, उसी प्रकार आज के युग में प्रभु श्रीराम जी के कार्य के लिए यह बजरंगियों की टोली बजरंग दल के रूप में कार्य करेगी।

बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में युवा बजरंगियों को राष्ट्रभक्ति और देवभक्ति के प्रति समर्पण की शिक्षा देते हुए बजरंग दल के प्रांत संयोजक अनुज वालिया ने कहा कि इस राष्ट्र मंदिर के सजग प्रहरी बजरंगदल के कार्यकर्ताओं के अनथक सामाजिक कार्यों एवं अन्यान्य प्रयासों की जितनी भी सराहना की जाये कम है। बजरंग दल किसी के विरोध में नही बल्कि हिन्दूओं को चुनोती देने वाले असमाजिक तत्वों से रक्षा के लिये है। उस समय केवल स्थानीय युवाओं को ही दायित्व दिया गया, जो श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के कार्यो में सक्रिय रह सके। देश भर के युवा राष्ट्र और धर्म के कार्य के लिये आतुर थे माने वह प्रतीक्षा ही कर रहे थे, जैसे ही अवसर आया सम्पूर्ण देश की राष्ट्रभक्त तरूणाई बजरंग दल के रूप में प्रकट हो गयी। अनुज वालिया ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के विभिन्न चरणों की घोषणा होती रही और बजरंग दल उस अभियान को सफलतापूर्वक करता गया। रामशिला पूजन, चरण पादुका पूजन, राम ज्योति यात्रा, कारसेवा, शिलान्यास आदि। 30 अक्टूबर और 2 नवम्बर सन 1990 की कारसेवा का दृश्य यह प्रकट करता है “हिन्दू युवा, हिन्दू मान बिन्दुओं का अपमान नही सह सकता, चाहे कितना भी बलिदान देना पड़े।” अनेक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का बलिदान कारसेवा में हुआ, लेकिन बजरंग दल अधिक प्रभावी और सक्रियता से आन्दोलन में भूमिका निर्वाह करने लगा। अपने देश में हिन्दुओं की इस दशा पर सम्पूर्ण देश आक्रोशित हुआ। सन 1992 की कारसेवा में सम्पूर्ण हिन्दू समाज का आक्रोश प्रकट हुआ और इतिहास बन गया। सम्पूर्ण देश का बजरंग दल पर विश्वास हो गया कि हिन्दू समाज व हिन्दू मान बिन्दुओं की रक्षा में बजरंग दल सक्षम है।

विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार ने बताया कि सन 1993 में बजरंग दल का अखिल भारतीय संगठनात्मक स्वरूप तय हुआ। सभी प्रान्तों में बजरंग दल की इकाई घोषित हो गयी, आज देश भर में बजरंग दल सक्रिय है। जिस प्रकार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शाखाये संचालित होती है, उसी प्रकार बजरंग दल भी बल उपासना केन्द्र, अखाडे और साप्ताहिक मिलन संचालित करता है, जो बजरंगदल के कार्य का आधार माना जाता है। बजरंग दल मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी के कार्य के लिए जन्मा और प्रभु श्रीराम के कार्य में निरंतर प्रयासरत है। बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में प्रमुख रूप से सौरभ चौहान, शिवप्रसाद त्यागी, भूपेंद्र सैनी, बलराम कपूर, नवीन तेश्वर, जीवेंद्र तोमर, रोहित शास्त्री, अक्षय शर्मा, अमित मुल्तानिया, अमित कुमार, कुलदीप कुमार, विकास, अर्जुन के साथ व्यवस्थाओं के निमित्त अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

[metaslider id="7337"]


[banner id="7349"]

Related Articles

Back to top button