उत्तराखंडराजनीति

भारतीय जनता पार्टी द्वारा ज्वालापुर विधानसभा के गंगा फार्म हाउस बहादराबाद में भारत रत्न, संविधान निर्माता डॉ० भीमराव अंबेडकर के सम्मान में एक सभा का किया आयोजन

कलयुग दर्शन (24×7)

नरेश कुमार मित्तल (संवाददाता)

हरिद्वार। भारतीय जनता पार्टी द्वारा ज्वालापुर विधानसभा के गंगा फार्म हाउस बहादराबाद मे भारत रत्न, संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के सम्मान में एक सम्मान सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री संजय निर्मल व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत अभिनंदन करते हुए अपने स्वागत संबोधन में बोलते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बाबा साहब के जीवन के बारे में प्रमुख बाते साझा करते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा बाबा साहब का सम्मान करने का काम किया है जबकि कांग्रेस में हमेशा बाबा साहब एवं संविधान की उपेक्षा करने का ही काम किया है।

नेहरू मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में डॉक्टर अंबेडकर को जानबूझकर दरकिनार किया गया था। 1952 के लोकसभा चुनाव में डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने यह आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी कि कुल 74333 पत्रों को स्वीकार कर गिनती से बाहर कर दिया गया जिससे कांग्रेस द्वारा उनके विरुद्ध रची गई रणनीति उजागर हुई। कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब का अपमान करने का ही काम किया है। और वह लोग आज संविधान बचाने की बात करते हैं। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री संजय निर्मल ने सभागार में उपस्थित जनों के साथ पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए सभी ने मौन रख प्रार्थना की और उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर डॉक्टर अंबेडकर को दरकिनार रखने का काम किया।

अर्थशास्त्र और कानून में उनकी विशेषज्ञता के बावजूद उन्हें रक्षा और विदेश मामलों की प्रमुख कैबिनेट समिति से बाहर रखा गया यहां तक की नियमित जिम्मेदारियां और विभागों को आवंटन भी उन्हें नहीं दिया गया यह कांग्रेस की सरकार में उन्हें शामिल करने की अनिच्छा को दर्शाता है। इस उपेक्षा से निराश होकर बाबा साहब ने अपना विरोध दर्ज कराया और 1951 में नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया यह कांग्रेस के प्रति उनके मोह भंग का प्रतीक था। 6 दिसंबर 1956 को डॉक्टर अंबेडकर के महापरिनिर्वाण के बाद नेहरू सरकार ने दिल्ली में उनके अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी थी और परिवार को मुंबई जाने के लिए मजबूर किया गया उनके पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए कोई सरकारी विमान उपलब्ध नहीं कराया गया और प्राइवेट विमान का बिल भी डॉक्टर अंबेडकर की शोकाकुल पत्नी को भेज दिया गया यह कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है।

जबकि भाजपा ने डॉक्टर अंबेडकर के विचारों और योगदान का स्मरण करते हुए वर्ष 1990 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित कर उनके संविधान निर्माण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अमूल्य योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी। यही नहीं संसद के केंद्रीय कक्ष में बाबा साहब का चित्र स्थापित किया गया। लंदन स्थित निवास का अधिग्रहण कर डॉ अंबेडकर के निवास को भाजपा सरकार ने एक स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने का काम किया। संयुक्त राष्ट्र में अंबेडकर जयंती पर मोदी सरकार के प्रयासों के फलस्वरुप वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अंबेडकर जयंती का आयोजन किया। मोदी सरकार द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित कर ऐतिहासिक महत्व दिया गया। आपातकाल से लेकर आरक्षण तक कांग्रेस ने संविधान को कमजोर करने का काम किया है। कांग्रेस की सरकार संविधान से खिलवाड़ को अपना मौलिक अधिकार समझती रही। कांग्रेस के शासनकाल में कई बार संविधान को ताक पर रख कर देश का शासन चलाने के प्रयास किए गए।

पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस की सरकार चाहती तो विलय के वक्त ही देश का संविधान जम्मू कश्मीर में लागू करवा सकती थी लेकिन संविधान को दरकिनार कर जम्मू कश्मीर को अंधेरे में धकेला गया कश्मीर भारत का मुकुट है लेकिन कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से ही उसकी पहचान बम बंदूक और अलगाववाद की बन गई। कश्मीर से धारा 370 हटाने पर कांग्रेस को बहुत बड़ा सदमा पहुंचा है और उनके नेता आज भी कहते हैं कि अगर हम सत्ता में आ गए तो धारा 370को वापस कर देंगे।

आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन किया गया मौलिक अधिकारों को कमजोर कर दिया गया और नीति निर्देशक सिद्धांतों को उनसे ऊपर कर दिया जिससे संवैधानिक संतुलन बाधित हुआ। अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए संसद का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़कर 6 वर्ष कर दिया गया था जो कि कांग्रेस की लोकतांत्रिक मान्यताओं के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है। हमारे मीडिया के बंधुओ पर कुठाराघात किया गया पत्रकारों को प्रताड़ित किया गया प्रकाशनों को बंद कर दिया गया और खाली संपादकीय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हक के लिए प्रतिरोध का प्रतीक बन गए। 1 लाख से भी अधिक राजनीतिक विरोधियों को बिना किसी मुकदमे के मीशा के तहत जेल में डालकर प्रताड़ना दी गई।

इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा लाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक अंधकारमय काल था। यूसीसी का विरोध कर कांग्रेस ने व्यक्तिगत कानूनो में असमानताओं को बनाए रखा और अनेको नागरिकों को समान अधिकारों से वंचित किया। राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय के बजाय चुनावी लाभ को प्राथमिकता देते हुए यह विरोध वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण का परिणाम था। अनुसूचित मोर्चा जिला अध्यक्ष देवेंद्र प्रधान ने अपने समापन भाषण में आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही संविधान में विश्वास रखने वाली एवं बाबा साहब के बताए हुए मार्ग पर चलकर देश को आगे ले जाने का काम कर रही है। भाजपा का उद्देश्य सामाजिक न्याय और लोकतंत्र को सशक्त बनाना है।

इस अवसर पर हरिद्वार विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, राज्य मंत्री जयपाल चौहान, ओम प्रकाश जमदग्नि और सुनील सैनी, पूर्व राज्य मंत्री सुशील चौहान, विमल कुमार, पूर्व जिला अध्यक्ष संदीप गोयल जी, मोर्चा प्रभारी लव शर्मा जी, जिला महामंत्री आशु चौधरी, जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी, जिला मीडिया प्रभारी नितिन चौहान, नकली राम सैनी, चंदन चौहान, मंडल अध्यक्ष प्रताप प्रधान, विपिन शर्मा, रीता सैनी, अश्वनी कंबोज, बिंदरपाल, वरुण वशिष्ठ, मोहित चौहान, प्रिंस लोहट, महिला मोर्चा अध्यक्ष रंजना चतुर्वेदी, मनु रावत, रीता चमोली, अमिता गुप्ता, अरविंद कुमार, पवन कुमार, मनोज पारलिया, मनोज चौहान, सुनील पाल, अनिल चेयरमैन सहित बड़ी संख्या में सम्मानित पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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