मिसाल किससे तेरी दू, बेमिसाल है तू …., नगर निगम द्वारा जनमंच में कराया गया कव्वाली का आयोजन

कलयुग दर्शन (24×7)
मो. नदीम (संपादक)
सहारनपुर। परस्पर सौहार्द व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रतीक श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज की स्मृति में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में नगर निगम द्वारा जनमंच सभागार (सेठ गंगा प्रसाद माहेश्वरी सभागार) में कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन नगर विधायक राजीव गुंबर, मेला चेयरमैन नीरज शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी महेंद्र तनेजा, वाइस चेयरमैन मेला अहमद मलिक, भाजपा नेता गुरप्रीत बग्गा, चीफ वार्डन राजेश जैन, कुलदीप धमीजा, कार्यक्रम संयोजक पार्षद शाहिना प्रवीन आदि ने दीप प्रज्वलित और रिबन काटकर किया।

महापौर डॉ. अजय कुमार व सह संयोजक सैय्यद मशकूर ने कव्वालों का स्वागत करते हुए उन्हें सम्मानित किया। जयपुर के मशहूर कव्वाल नुसरत साबरी ने कार्यक्रम की शुरुआत ‘‘ मिसाल किससे तेरी दू, बेमिसाल है तू……..’’ नात से की। उसके बाद “तू कुजा मन कुजा” कलाम से महफ़िल में शानदार रंग जमाया। महफ़िल को आगे बढ़ाते हुए नुसरत साबरी ने “मेरा दिल तोड़ने वाला कोई और होता आप ना होते”, “तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी”, “फ़सले गुल हैं सज़ा है, मयख़ाना” तथा ‘‘काली-काली जुल्फो के फंदे ना डालो’’ जैसे एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर वाहवाही लूटी।

दिल्ली के प्रसिद्ध कव्वाल असद निशात ने “भर दे झोली मेरी या मोहम्मद, लौटकर मैं न जाऊँगा खाली” से अपने कलाम की शुरुआत की। असद ने “सरे ला मका से तलब हुई”, “साँसों की माला पर सिमरूँ मैं” और अपना मशहूर कलाम “वह ख़्वाजा का रोज़ा” सुनाकर श्रोताओं को देर रात तक मंत्रमुग्ध किये रखा। रात करीब दो बजे तक श्रोता कव्वाली सुनने के लिए जमे रहे। इससे पूर्व कार्यक्रम सह संयोजक सैय्यद मशकूर, मौ. खालिद व मौहम्मद युनुस ने महापौर को पटका पहनाकर व सम्मान चिह्न भंेटकर सम्मानित किया।

जबकि सरफ़राज साबरी, नाहिद अंसारी, अनस उर रहमान, सैयद अमीर, अज़ीम ख़ान, अकमल खां बिट्टू, जुबेर पुंडीर, सचिन जैन, फ़हीम उस्मानी, नौशाद उस्मानी, सागर गुप्ता, सोहनलाल कश्यप, आदि ने पार्षदों व अन्य अतिथियों का पटके पहनाकर अभिनंदन किया। संचालन मौ. युनुस ने किया।

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