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नरेश कुमार मित्तल (संवाददाता)
उत्तरकाशी। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल योजनाओं के लिए वन भूमि की स्वीकृति के लंबित प्रकरणों को एक सप्ताह के भीतर निस्तारित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि जल निगम एवं जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता इस काम को व्यक्तिगत तौर पर देखेगें। जिलाधिकारी ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत पूर्ण हो चुकी योजनाओं पर जलापूर्ति का जल्दी ही सत्यापन कराया जाएगा। जल जीवन मिशन की प्रगति को लेकर जिला मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि जल जीवन मिशन की सभी योजनाओं के कार्य तय समय में पूर्ण किए जाने आवश्यक हैं।
बैठक में वन भूमि के हस्तांतरण के लंबित मामलों की विस्तार से समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने प्रत्येक प्रकरण के निस्तारण के बारे में विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने इस संबंध में अधिकारियों को व्यक्तिगत ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि वनभूमि हस्तांतरण के लंबित मामलों को युद्धस्तर पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने अधीक्षण अभियंताओं को इन मामलों को अपने हाथ में लेकर में वन विभाग के अधिकारियों से निरंतर संपर्क कर कार्यवाही करने व आपत्तियों का त्वरित निस्तारण करने निर्देश देते हुए कहा कि इस काम की प्रगति की निरंतर समीक्षा की जाएगी। इस मामले में अब देरी और शिथिलता को कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी ने लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए आवश्यकतानुसार तकनीकी कार्मिकों एवं कसलटेंट की तैनाती भी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पेयजल योजनाओं का कार्य पूरी गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए तय समयसीमा में पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी इसके लिए नियमित रूप से योजनाओं के स्थलीय निरीक्षण कर काम की प्रगति पर लगातार नजर रखें। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्ण हो चुकी पेयजल योजनाओं से जलापूर्ति का शीघ्र विस्तृत सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए टीमों के गठन की कार्यवाही की जा रही है। जिलाधिकारी ने जल निगम तथा जल संस्थान के अधिकारियों को सत्यापन के लिए योजनाओं से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने तथा निरीक्षण के दौरान योजना से संबंधित कार्मिकों के उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए हैं।
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