विधायक उमेश कुमार एवं पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन विवाद में मध्यस्थता कराने डाम कोठी पहुंचे राकेश टिकैत
रानी देवयानी एवं समाज के कई लोग मौजूद

कलयुग दर्शन (24×7)
नरेश कुमार मित्तल (संवाददाता)
हरिद्वार। बीते दिनों अपना वर्चस्व कायम रखने को लेकर खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक चैंपियन के बीच छिड़ी जंग में कूद पड़े गुर्जर समाज और ब्राह्मण समाज का समझौता कराने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आगे आए हैं। शनिवार को पहले रुड़की और फिर हरिद्वार में डाम कोठी पहुंचे राकेश टिकैत ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि ये दो राजनीतिक हस्तियों की व्यक्तिगत लड़ाई है और इसमें समाजों को नहीं टकराना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदियों से गुर्जर और ब्राह्मण समाज का साथ रहा है। देश की अखंडता, संप्रभुता और विकास के लिए दोनों समाज बढ़चढ़ कर योगदान करते हैं। ऐसे में दोनों समाज के जिम्मेदार लोगों को आगे लाकर मध्यस्थता कराई जा रही है।
डाम कोठी में राकेश टिकैत के साथ लक्सर के पूर्व भाजपा विधायक संजय गुप्ता समेत कई लोग डाम कोठी में वार्ता के लिए पहुंचे। इस दौरान चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी सिंह भी मौजूद रहीं। गुर्जर समाज ब्राह्मण समाज से नाराज और ब्राह्मण समाज गुर्जर समाज से नाराज है, लेकिन यह सामाजिक और जातिगत लड़ाई नहीं है। यह एक जीते हुए विधायक की हारे हुए विधायक का आपसी विवाद है। इस विवाद में समाज को बीच में नहीं जाना है।
हमारे साथ में सारी जातियों के लोग जुड़े हुए है, उनसे बातचीत कर अपील करेंगे कि जातीय पंचायत इस मुद्दे पर न हो। कहा कि सामाजिक मंच पर इस विवाद को न लाया जाए। उन्होंने कहा केंद्र की मोदी सरकार के वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए बजट पर विपक्ष के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। शनिवार को हरिद्वार डाम कोठी पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कर्ज बढ़ाने से बजट अच्छा नहीं होता, कर्ज में राहत देने से बजट अच्छा होता है। कहा कि सरकार को कहां ढूंढे, जब सरकार है ही नहीं कही।
डाम कोठी में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार अपने कर्ज को बढ़ाकर बजट को अच्छा बता रही है, तो बजट अच्छा नहीं है। बजट न आम लोगों के लिए है और न ही दुकानदारों के लिए है। उद्योगपतियों और व्यापारियों की सरकार है। यह पंजीवाद को बढावा दे रही है।
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