आस्थाउत्तराखंड

नंदोत्सव में सम्मिलित होने वालों का जीवन उत्सव बनता है: स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती

कलयुग दर्शन (24×7)

दीपक झा (संवाददाता)

हरिद्वार। श्री गीता विज्ञान आश्रम के परम अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा है कि नंदोत्सव में सम्मिलित होने वालों का जीवन उत्सव बनता है और भगवान का भोग प्रसाद ग्रहण करने वालों का अंतकरण पवित्र हो जाता है। वे आज राजा गार्डन स्थित हनुमान मंदिर सत्संगहॉल में श्रीमद्भागवत कथा की अमृत वर्षा कर रहे थे। भगवान के अवतार को सर्व मंगलमयी बताते हुए शतायु संत ने कहा कि मथुरा के कंस कारागार में वासुदेव एवं देवकी को पुत्र रूप में अविभूत करने के बाद भगवान जब वृंदावन में नंद बाबा एवं माता यशोदा के घर पहुंचे तो पूरे ब्रज मंडल में उत्सव का वातावरण बन गया और नंद बाबा के घर वधाइयां देने वालों का ताता लग गया। भगवान को छप्पन भोग लगाने के साथ ही द्वापर के नए युग का सूत्रपात हुआ।

नंदोत्सव का वर्णन करते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत भगवान और भक्त दोनों की ऐसी सम्मिलित कथा है जिसमें भगवान का स्मरण कर भक्त भवसागर से पार हो जाते हैं, और भगवत भक्ति में जब उत्सवों की आवृत्ति होती है तो भक्त का जीवन बदल जाता है, यही भागवत कथा का वास्तविक हेतु है। भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि कन्हैया ने सर्वप्रथम पूतना का उद्धार किया तथा मात्र 6 वर्ष की आयु में महारास का आयोजन कर संपूर्ण ब्रह्मांड को हर्ष एवं सौहार्द का संदेश दिया। भगवान के महारास में स्वर्ग के देवी देवता गोपी रूप में सम्मिलित हुए तो भगवान शिव को भी महारास में सम्मिलित होने के लिए गोपी का रूप धारण करना पड़ा। नंदोत्सव में उमड़़ा भक्तों के अपार जन सैलाब ने भगवान को लगे छप्पन भोग तथा माखन- मिश्री का भोग प्रसाद ग्रहण का अपना अपना अंतःकरण पवित्र किया।

[metaslider id="7337"]


[banner id="7349"]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button