उत्तराखंड

डा. नरेश बंसल ने पर्यावरण संबधित प्रश्न पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री से सदन के माध्यम से किया

कलयुग दर्शन (24×7)

मो नदीम (संपादक)

हरिद्वार। डा. नरेश बंसल ने अपने प्रश्न मे पूूछा कि क्या पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि, क- पर्यावरण मंजूरी ढ़ांचे के अंतर्गत नए औद्योगिक क्षेत्रों, पार्कों और परियोजनाओं के लिए अधिसूचित संशोधित हरित पट्टी/वृक्षारोपण मानकों का ब्यौरा क्या है, ख- पूर्व में निर्धारित 33 प्रतिशत हरित आवरण को संशोधित करने का तर्क क्या है, ग- क्या सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि संशोधित मानक सतत औद्योगिक विकास को बढ़ावा दें और, घ- यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? इस प्रश्न के उत्तर मे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया किः- क- प्रदूषण की संभाव्यता के आधार पर हरित पट्टी की आवश्यकता को युक्तिसंगत बनाए जाने हेतु, मंत्रालय द्वारा दिनांक 29.10.2025 के कार्यालय ज्ञापन द्वारा माध्यम निर्देश दिया गया है कि यह दिनांक 27 अक्टूबर, 2020 के कार्यालय ज्ञापन पूर्व के अधिक्रमण में संशोधित मानदंडों का औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों तथा व्यक्तिगत उद्योगों के लिए हरित हरित पट्टी/हरित आवरण के विकास के संबंध में अनिवार्यतः अनुपालन किया जाना चाहिए। संशोधित मानदंड के अनुसार, औद्योगिक क्षेत्रों में कम से कम 10 प्रतिशत क्षेत्रफल को सामान्य हरित क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया जाना चाहिए और औद्योगिक क्षेत्र के भीतर संबंधित लाल श्रेणी व नारंगी श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को अपने परिसरों के क्षेत्रफल का क्रमशः 15 प्रतिशत और 10 प्रतिशत हरित पट्टी/हरित आवरण के रूप में विकसित करना अनिवार्य है।

इसके अतिरिक्त, औद्योगिक क्षेत्रों के बाहर व्यक्ति औद्योगिक इकाईयों के लिए लाल और नारंगी श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को अपने परिसरों मे ंक्रमशः 25 प्रतिशत और 20 प्रतिशत हरित पट्टी/हरित आवरण विकसित करना अपेक्षित है, जिसे यदि वे मुख्य रूप से वायु प्रदूषण करने वाली इकाइयां नहीं हैं, तो प्रत्येक के लिए 5 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है। हरित और श्वेत उद्योगों के संबंध में यह निर्देश दिया गया है कि हरित पट्टी/हरित आवरण का विकास वैकल्पिक है और इसकी कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है, केवल वही हरित श्रेणी के उद्योगों जिनका वायु प्रदूषण स्कोर झऋ 25 है, उन्हें अपने-अपने परिसरों के भीतर 10 प्रतिशत हरित पट्टी/हरित आवरण का विकास करना होगा। (ख) से (घ) परियोजनाओं/कार्यकलापों के लिए भूमि की आवश्यकताओं और हरित पट्टी की पर्यावरणीय आवश्यकताओं और साथ ही सामान्य और विशिष्ट शर्तों में वर्णित मौजूदा प्रदूषण नियंत्रण और उन्मूलन उपायों के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता थी ये शर्तें ई आई ए अधिसूचना 2006 में यथा संशोधित उपबंधों के अनुसार जारी की गई थी जिससके उपलब्ध भूमि का इष्टतम उपयोग किया जा सके। अतः प्रदूषण की संभाव्यती के आधार पर हरित पट्टी की आवश्यकता को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया गया। हरित पट्टी/हरित आवरण का युक्तिकरण एक समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया, जिसके हरित पट्टीध्हरित आवरण विकसित करने के लिए अन्य बातों के साथ-साथ विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मानकों को आधार बनाया गया है। संशोधित हरित पट्टी/हरित आवरण मानकों का आधार यह है कि लाल और नारंगी श्रेणी के अंतर्गत आने वाले प्रदूषण क्षमता वाले उद्योगों को औद्योगिक कार्यकलापों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अधिक प्रतिशत में हरित पट्टी विकसित करने की आवश्यकता होगी। हरित पट्टी/हरित आवरण की आवश्यकता निर्धारित करते समय संशोधित मानदंड एक विशेषज्ञ समिति द्वारा वैज्ञानिक परीक्षण और प्रदूषण की संभाव्यता के कारकों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।

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