आस्थाउत्तराखंड

आसुरी शक्तियों का संहार करती है मां काली: स्वामी कैलाशानंद गिरी

कलयुग दर्शन (24×7)

दीपक झा (संवाददाता)

हरिद्वार। श्री दक्षिण काली मंदिर के परमाध्यक्ष एव निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज विश्व शांति और आपदाओं से देश प्रदेश की रक्षा के लिए प्रतिदिन 7 घंटे मां दक्षिण काली की साधना कर रहे हैं। नीलधारा तट स्थित सिद्धपीठ श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित मां दक्षिण काली की आराधना कर रहे स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि मां काली माता पार्वती का ही एक स्वरूप हैं। दस महाविद्याओं में से एक मां काली का जन्म आसुरी शक्तियों के संहार के लिए हुआ है। मानसिक, शारीरिक और सांसारिक बुराईयों से मां काली ही भक्तों की रक्षा करती हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का विधान है।

मां भगवती के सातवें स्वरूप मां काली की आराधना से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है। मां काली की कृपा से उत्तराखंड सहित पूरे देश को आपदाओं से राहत मिलेगी। स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि नवरात्रों के दौरान श्री दक्षिण काली मंदिर में नवरात्र महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दर्शन पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए विभिन्न प्रकार के फूलों से मंदिर में विशेष सजावट की गयी है। श्रद्धालु मंदिर में मां दक्षिण काली के दर्शन पूजन के साथ पूज्य गुरूदेव से आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं।

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