उत्तराखंड

विधि विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा में विसर्जित की गई ब्रह्मलीन सांई चांडूराम साहिब की अस्थियां

संतो ने ही देश दुनिया को सेवा का मार्ग दिखाया: मदन कौशिक

कलयुग दर्शन (24×7)

नरेश मित्तल (संवाददाता)

हरिद्वार। संत आसूदाराम आश्रम लखनऊ के पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन साई चांडूराम साहिब का अस्थि कलश शनिवार को पूर्ण विधि विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संत समाज व श्रद्धालु भक्तों की मौजूदगी में वीआईपी घाट पर गंगा में विसर्जित किया गया। लखनऊ आश्रम के सेवादार व सिंधी समाज के प्रवक्ता ओमप्रकाश ओमी ने बताया कि सांई चांडूराम साहिब 15 अक्तूबर को लखनऊ में ब्रह्मलीन हो गए थे। 16 अक्तूबर को लखनऊ में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।

अस्थि विसर्जन के लिए लखनऊ सहित अन्य प्रांतों के विभिन्न शहरो से श्रदालु शनिवार को हरिद्वार पहुंचे। जुगत निवास से पुण्य स्मृति यात्रा शहर के प्रमुख मार्गाे से होती हुई वीआईपी घाट पहुंची। यात्रा में सांई मोहनलाल, साई हरीशलाल, साई आनंदलाल, सांई शुभम लाल के साथ जुगत निवास के परमाध्यक्ष स्वामी गंगादास उदासीन, अहमदाबाद के साई जगदीश लाल, उल्लास नगर के जसकीरत सिंह, साई बाबा आसनदास, शांति प्रकाश आश्रम के साई नंदलाल, मुंबई के प्रेम भाईसाहब आदि शामिल रहे। अस्थि विसर्जन से पूर्व संतों व श्रद्धालुओं ने सांई चांडूराम साहिब को श्रद्धांजलि दी।

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वामी गंगादास उदासीन ने कहा कि ब्रह्मलीन सांई चांडूराम साहिब महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। उनके ब्रह्मलीन होने से समाज को जो क्षति हुई है। उसे पूरा करना तो संभव नहीं है। लेकिन उनकी शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। विधायक मदन कौशिक ने भी वीआईपी घाट पहुंचकर ब्रह्मलीन सांई चांडूराम साहिब को श्रद्धासुमन अर्पित किए। मदन कौशिक ने कहा कि संतो ने ही देश दुनिया को सेवा का मार्ग दिखाया है। ब्रह्मलीन सांई चांडूराम साहिब ने हमेशा सतसंग के माध्यम से यही संदेश दिया कि मानव सेवा से बढकर कोई सेवा नही है। गायत्री परिवार के जयरामदास मोटवानी ने पूरे विधि विधान के साथ अस्थि कलश को गंगा में प्रवाहित कराया।

[metaslider id="7337"]


[banner id="7349"]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button