कलयुग दर्शन (24×7)
दीपक झा (संवाददाता)
चमोली। विधि विधान से पूजा पाठ के बाद बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट। ऐसे में मनुष्यों द्वारा संपादित होने वाली इस ग्रीष्मकालीन यात्रा सीजन की अंतिम सांयकालीन पूजा को संपादित कर बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी ने मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश कर भगवान श्री बद्रीनारायण की विधि विधान से पूजा अर्चना की।
सांय कालीन पूजा अर्चना के बाद, पंच पूजा के आज अंतिम दिन के धार्मिक कार्यक्रम शुरू होने से कुछ समय बाद करीब 7 बजकर45 मिनट के बाद सिंह द्वार से लेकर मंदिर परिसर तक तीर्थ यात्रियों के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया।
ठीक 7:30 बजे से कपाट बंद होने की वैदिक प्रक्रिया शुरू होगी। रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया, कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी करेंगे, जिसके तहत सबसे पहले बद्रीश पंचायत के सदस्य देवगण श्री उद्धव जी और कुबेर जी गर्भ गृह से बाहर मंदिर परिसर में आयेंगे, जिसके बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता महा लक्ष्मी को श्री बद्री विशाल जी के मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होंगे।
तत्पश्चात रात्रि सवा आठ बजे शयन आरती संपादित की गई। अंत में बदरी विशाल जी को घृत कंबल ओढ़ाने के साथ ही पंच पूजाये पूरी हुई। रात्रि ठीक 9 बजकर 7 मिनट पर बोल बदरी विशाल जी की जय के जयकारे के बीच रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
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