
कलयुग दर्शन (24×7)
दीपक झा (संवाददाता)
हरिद्वार। कनखल स्थित काल भैरव मंदिर आशारोड़ी के परमाध्यक्ष महंत कौशलपुरी महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में तीन बार साढ़ेसाती आती है। प्रथम बार बचपन में, दूसरी बार युवावस्था में और तीसरी बार वृद्धावस्था में। उन्होंने कहा कि शनिदेव ही साढ़ेसाती के संकट को दूर करते हैं। न्याय के देवता शनिदेव भगवान बहुत ही कृपालु हैं। उनकी पूजा अर्चना करने वाले व्यक्ति पर कभी संकट नहीं आता है। भगवान शनिदेव अपने भक्तों के सभी कष्ट पल भर में हर लेते हैं। शनिवार को मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आए श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कनखल स्थित सिद्ध पीठ भैरो मंदिर के महंत कौशलपुरी महाराज ने कहा कि भगवान शनिदेव की कृपा जिस पर हो जाती है उसका बेड़ा भगसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार की रात में काले चने पानी में भिगों दें। शनिवार को भीगे चनों का प्रसाद करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है।

इसके अलावा अमावस्या की रात में 8 बादाम और काजल की डिबिया को काले कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहती है और कारोबार में बरकत होती है। महंत कौशलपुरी महाराज ने कहा कि देवताओं के न्यायाधीश शनिदेव की लीला अपरंपार है। शनिदेव पलभर में गरीब को अमीर बना देते हैं और करोड़पति को खाकपति बना देते हैं। इसलिए जीवन में सदैव सत्याचरण का पालन करते हुए सद्मार्ग पर चलें। गरीब, असहाय लोगों की मदद करें। नशे से दूर रहें और सात्विक आहार और व्यवहार का पालन करें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होकर भक्तों का कल्याण करते हैं। स्वामी नागेंद्र महाराज ने कहा कि शनिदेव भगवान की शक्ति संसार में अपरंपार है। उनकी दया जिस पर हो जाती है। उसका बेड़ा भवसागर से पार हो जाता है। शिवालय निकेतन के स्वामी नागेंद्र महाराज ने कहा कि भगवान शनिदेव के मंदिर में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान का श्रद्धालुओं को सकारात्मक फल प्राप्त होता है।
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