प्रशासन

वरिष्ठ नेता आज़म खान को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई 7 वर्ष कैद की सजा, लगाया 5 लाख जुर्माना

कलयुग दर्शन (24×7)

सरविन्द्र कुमार (प्रधान संपादक)

रामपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में 7 वर्ष जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ 3 अन्य दोषियों को भी 7 साल की सजा सुनाई गई। सभी आरोपियों पर 5 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। 16 मार्च को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। आजम खान कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए।

कोर्ट ने पूर्व सीओ सिटी आले हसन खान, पूर्व पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और ठेकेदार बरकत अली को भी दोषी माना है। इसके अलावा कोर्ट ने जिबरान खान, फरमान खान और ओमेंद्र चौहान को बरी कर दिया है। आजम खान सीतापुर की जेल में बंद हैं। इन पर आरोप था कि सपा सरकार में आजम के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने आसरा-आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। मकानों पर बुलडोजर चलवाकर तुड़वा दिया गया था। केस के दौरान आजम खान का नाम भी शामिल किया गया था।

वादी पक्ष ने बताया कि यह घटना 2016 में हुई थी। घटना के तीन साल बाद मामला दर्ज हुआ था। पुलिस से 2019 में की गई शिकायत में एहतेशाम खान ने बताया कि उन्होंने 2011-12 मे स्कूल बनाने के लिए रामपुर जिले के डूंगरपुर में जमीन खरीदी थी। जमीन के एक हिस्से में उन्होंने घर बना लिया था। वह अपने परिवार के साथ उस घर में रहने लगे थे। उन्होंने बताया कि 3 फरवरी 2016 की शाम अजहर खान, आले हसन और बरकत अली 20-25 पुलिस कर्मियों के साथ उनके घर पर आए और उन्हें उनके घर से बाहर निकाल दिया। साथ ही घर में रखे सामान को भी तोड़फोड़ दिया। उसके बाद उनके घर पर बुलडोजर चला दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद वह आजम खान से घटना की शिकायत करने गए तो आजम खान ने अन्य साथियों के साथ मिलकर मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और जेल में डाल देने की धमकी दी। कोर्ट ने एहतेशाम खान के लगाए आरोपों में दोषी करार देते हुए आजम खान व उनके अन्य साथियों को 7 वर्ष की सजा सुनाई है।




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