
कलयुग दर्शन (24×7)
सागर कुमार (सह संपादक)
हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित संत मंडल आश्रम में परम पूज्य गुरुदेव गुरु भगवान 1008 श्री जगदीश मुनि जी महाराज पूर्व विधायक, भाजपा हरिद्वार के 14वे निर्वाण दिवस के अवसर पर एक विशाल संत समागम आयोजित किया गया। इस अवसर पर संत समागम को संबोधित करते हुए आश्रम के श्री महंत तथा महामंडलेश्वर श्री राम मुनि जी महाराज ने कहा इस पृथ्वी लोक पर सतगुरु से बड़ा और सच्चा कोई और पथ दर्शक हो ही नहीं सकता सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर भवसागर पार जाने वाली नैया है। जब-जब इस धरती पर भगवान अवतरित हुए हैं तो उन्हें भी सतगुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी है।
जब भगवान राम इस धरती पर अवतरित हुए तो उन्होंने अपने कुलगुरु विश्वामित्र का मार्गदर्शन प्राप्त किया भक्तों को दान सत्कर्म यज्ञ अनुष्ठान पूजा पाठ के माध्यम से सत्य का मार्ग दिखाने वाले परम तपस्वी विद्वान संत थे गुरु भगवान परम पूज्य श्री श्री आचार्य महामंडलेश्वर जगदीश मुनि जी महाराज राम नाम की महिमा का गुणगान करते हुए कुछ इस तरह अपने मन के उद्गार व्यक्त किये।
राम ही पीड़ा राम ही मरहम और राम करें उपचार रे इस संसार में जो भी आया है उसे एक दिन जन्म के साथ-साथ मृत्यु का भी वर्णन करना पड़ता है इस संसार में अगर सुख है तो दुख भी है सुख हमें एक अलौकिक शांति प्रदान करता है और दुख हमें संकट से उभरने की कला सिखाता है जिस प्रकार जन्म और मृत्यु सारस्वत सत्य है।
इसी प्रकार सुख और दुख भी मनुष्य की जीवन की गाड़ी के दो पहिये हैं चाहे आप राजयोग लेकर पैदा हुए हो या गरीबी लेकर लेकिन सुख और दुख जीवन और मृत्यु का वर्णन जीवन में सभी को करना पड़ता है कुछ लोग गरीबी को दुख का भाग मानते हैं किंतु गरीबी और अमीरी सुख और दुख का भाग नहीं सुख मनुष्य के पूर्व कर्मों का फल है और दुख सुख के बीच से निकलने वाला रस है जिस व्यक्ति के पास खाने के लिये परिवार चलाने के लियें मानो कुछ नहीं उसे कोई गंभीर बीमारी मिल जाये और इलाज करने का पैसा ना हो पीड़ा से शरीर और मन पूरी तरह टूट चुका हो तो ऐसे समय में राम नाम की माला ही जीवन का उद्धार तथा मार्ग प्रदान करने वाली युक्ति है जिसमें युक्ति और मुक्ति दोनों छिपी हुई है मानो आपका राजयोग चल रहा है।
आप सुख सुविधा और साधनों को भोग रहे हैं जीवन को दुख की अनुभूति भी नहीं हुई और अचानक आपको किसी गंभीर दुख का वर्णन करना पड़ जाये तो अधिक सुख सुविधा भोगने वाला व्यक्ति इस दुख को पैसे से दूर नहीं कर पायेगा पैसे से सिर्फ साधन इलाज ढूंढा जा सकता है लेकिन उसका निस्तारण उसके राम भजन पर निर्भर है उस समय राम नाम की महिमा और राम नाम का गुणगान आपके जीवन को संतोष प्रदान करेगा पैसे से आप बीमारी का इलाज करि सकते हैं किंतु लाभ राम नाम की महिमा से ही मिलने वाला है दुख से तो भगवान राम भगवान श्री कृष्णा भगवान भोलेनाथ भी नहीं बच पाये तो हम तो आम प्राणी है।
इसलिये जीवन में भजन का होना नितांत आवश्यक है जब आपका मन दुख से दुख के बोध से ग्रस्त होगा तो राम भजन आपके अंतर मन को उसमें कुछ सुकून प्रदान करेगा। कहने का मतलब यह है राम ही मूरत राम ही सूरत राम ही नदी और राम ही किनारे है और राम नाम की महिमा सुख और दुख में मनुष्य के सहारे हैं राम नाम की गाथा महर्षि वाल्मीकि ने लिखी त्रिकाल दर्शी कहलाये राम नाम आप पुस्तिका में लिखें आपके जीवन में सुख शांति और समृद्धि की वर्षा होगी और जब आप भवसागर के किनारे पर खड़े होंगे तब आपको भव सागर के किनारे पर राम नाम की नैया पार ले जाने हेतु खड़ी मिलेगी जैसे मृत्यु के कुछ पल पूर्व राक्षसी पूतना और राक्षसी ताड़का को राम नाम लेने की सुध आई तो उन्हें स्वर्ग से विमान लेने आया इसी प्रकार राम नाम की भजन माला आपके जीवन के मानव जीवन के उध्दार का मार्ग बनेगी।
इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर कपिल मुनि महाराज ने कहा जीवन में किया गया हरि भजन कभी निष्फल नहीं होता हरि भजन ही मानव जीवन की सार्थकता है जो सच्चे मन से भगवान को पुकारता है भगवान किसी न किसी रूप में उसके सामने उसकी मदद के लिए उपस्थित हो जाते हैं गुरु का सच्चा मार्गदर्शन भक्तों के मानव जीवन को सार्थक कर देता है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिद विलासानंद महाराज महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज महंत ब्रह्मेश्वर महाराज महंत कृष्ण स्वरूप महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत कमलेशानंद महाराज महंत नारायण दास पटवारी महंत प्रहलाद दास महाराज महंत केशवानंद महाराज महंत प्रेमदास महाराज महंत शांति प्रकाश महाराज स्वामी कृष्ण देव महाराज महंत आचार्य प्रमोद दास महाराज पंडित दिनेश चंद महाराज हरिहरानंद जी महाराज महंत जमुना दास महाराज महेंद्र रवि देव महाराज महंत दिनेश दास महाराज महंत जगजीत सिंह महाराज महंत सीताराम दास महाराज महंत कन्हैया दास महाराज महंत सचिव गोविंद दास महाराज कोठारी महंत राघवेंद्र दास महाराज कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज बहन मनप्रीत कौर (फरीदाबाद) अंकुर जी वृंदावन, सन्दीप सिंहानिया प्रजापति, प्रदीप प्रजापति, रामलाल प्रजापति, सुनील प्रजापति इत्यादि सहित भारी संख्या में संत महंत महामंडलेश्वर तथा भक्तगण उपस्थित थे। सभी को कार्यक्रम समापन के उपरांत भंडारे में भोजन प्रसाद तथा वस्त्र आदि भेंट किये गये सभी उपस्थित संत समुदाय ने परम पूज्य श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर पूर्व विधायक जगदीश मुनि जी महाराज को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
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