उत्तराखंड

शांतिकुंज परिवार जरूरतमंदों तक पहुंचा रहा है नित्य भोजन नवरात्रि के पहले दिन से शुरु हुआ माता भगवती अन्नपूर्णा योजना

कलयुग दर्शन (24×7)

दीपक झा (संवाददाता)

हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज एक ऐसी संस्था है, जो जरूरतमंदों की सेवा, सुश्रुषा शांतिकुंज के अभियानों में प्रथम स्थान पर रहता है। आगामी वर्ष गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा जी का जन्मशताब्दी वर्ष है।

जन्मशताब्दी वर्ष अभियान के अंतर्गत अनेक रचनात्मक एवं सुधारात्मक गतिविधियाँ देश-विदेश में संचालित हो रही हैं। इन्हीं गतिविधियों में से एक हैं माता भगवती देवी अन्नपूर्णा योजना। गौरतलब है कि शांतिकुंज में चलने वाले भोजनालय के अतिरिक्त माता भगवती देवी अन्नपूर्णा योजना चल रहा है।

यह अभियान अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी की प्रेरणा व युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या के मार्गदर्शन में चल रहा है और करीब एक माह से हरिद्वार स्थित जिला चिकित्सालय, चन्द्रशेखर आजाद कुष्ठ आश्रम, चिदानंद कुष्ठ आश्रम, कुष्ठ आश्रम दयालपुरी, पुलिसकर्मियों सहित 600-650 लोगों में नित्य भोजन प्रसाद बाँट रहे हैं। गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी ने कहा कि सेवा ही सच्ची साधना है। वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी के जीवन का मूल मंत्र ही है, किसी का दुःख दूर करना ही सच्ची पूजा है।

इस अभियान के माध्यम से उनका जीवनदर्शन जन-जन तक पहुँच रहा है। श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि अन्न का दान सर्वोत्तम दानों में से एक है। यह अभियान हमारे संस्कारों और परंपराओं को जीवंत और मानवीय मूल्यों को मजबूत करता है। अभियान की जानकारी देते व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने बताया कि यह योजना केवल भूख मिटाने का माध्यम नहीं है, वरन् इसके माध्यम से हम श्रद्धा, सेवा और करुणा के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना चाहते हैं।

सभी भोजन व पैकेट्स पूर्ण स्वच्छता एवं सात्विकता के साथ तैयार किए जाते हैं। यह योजना जन्मशताब्दी वर्ष अभियान के अंतर्गत चलाया जा रहा है। व्यवस्थापक श्री गिरि ने बताया कि यदि किसी अस्पताल अथवा जरुरतमंदों को भोजन प्रसाद की आवश्यकता हो, तो वह शांतिकुंज से संपर्क कर सकते हैं।

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