उत्तराखंड

सहानुभूति और आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने में भाषा विविधता की भूमिका महत्वपूर्ण: मुकुल चौहान

डीएसएम पब्लिक स्कूल में भारतीय भाषा समर कैंप छात्रों ने पंजाबी भाषा थीम पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए

कलयुग दर्शन (24×7)

सागर कुमार (सह संपादक)

हरिद्वार। धूम सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल, सीतापुर के निदेशक मुकुल चौहान ने कहा कि सहानुभूति और आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने में भाषा विविधता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के साथ जुड़कर, व्यक्ति वैश्विक मुद्दों पर व्यापक दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं, समझ और करुणा को बढ़ावा दे सकते हैं। भारत में भाषाई विविधता का मतलब है कि देश में कई अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं। संविधान द्वारा 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता दी गई है, और कुछ राज्यों की अपनी आधिकारिक भाषाएँ भी हैं। बताते चलें कि डीएसएम पब्लिक स्कूल, सीतापुर में सीबीएसई- भारतीय भाषा समर कैंप 2025 का आयोजन किया जा रहा है।

इस कड़ी में पहले दिन सोमवार को पंजाबी भाषा गतिविधि – थीम पर आधारित कार्यक्रम बुनियादी अभिवादन और भाव, वर्णमाला, संख्याएँ, हस्ताक्षर कार्यक्रम में छात्रों ने भाग लिया। इस मौके पर प्रधानाचार्य साधना भाटिया ने कहा कि सीबीएसई भारतीय भाषा समर कैंप 2025 के पहले दिन की शुरुआत एक ऊर्जावान और संवादात्मक पंजाबी भाषा सत्र के साथ की है। हमारे युवा शिक्षार्थियों ने आत्मविश्वास के साथ पंजाबी वर्णमाला का परिचय दिया और संख्याओं का उच्चारण किया। उन्होंने कहा पूरे सप्ताह भारतीय भाषाओं की खूबसूरती का जश्न मनाने और उसे तलाशने के लिए कार्यक्रम जारी रहेगा।

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