उत्तराखंड

मुख्य विकास अधिकारी की विशेष पहल पर 3 से 5 वर्ष तक के आंगनबाड़ी केन्द्रो के बच्चों की प्रतिभा को चिन्हित करते हुए निखारने का किया जा रहा कार्य

कलयुग दर्शन (24×7)

मो. नदीम (संपादक)

हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे की पहल पर व जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में जनपद के 13 आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों की प्रतिभाग को चिन्हित करने, उनकी प्रतिभा को निखारने तथा मंच प्रदान करने हुए ’’ आंगबाड़ी सुपर स्टा’’ के नाम से सकारात्मक पहल की गई है। जिसके क्रम में बच्चों की प्रतिभा को परखने, उन्हें मंच प्रदान करने, संकोच दूर करने के उद्देय से आंगनबाड़ी सुपर स्टार के अन्तर्गत डांसिंग प्रतियोगिता का आयोजन ऋशिकुल आडिटोरियम हॉल में किया गया। जिसका जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह तथा मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने दीप जलाकर उद्घाटन किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि सीडीओ द्वारा की गई संकल्पना अपने आप में विशिश्ट है। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सभी को थिरकने पर मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने बच्चों का न सिर्फ मंच प्रदान किया बल्कि बच्चों में उत्साह, उमंग, आत्म विश्वास को जागृत किया है। उन्होंने कहा कि इस पहल से जुड़े सभी व्यक्ति बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि मंच पर खड़े होना अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है, यदि समय पर अवसर नहीं मिलता है तो बड़े बड़े व्यक्तियों के पैर मंच पर कांपने लगते है और आवाज थरथराने लगती है।

उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविश्य की कामना करते हुए कहा कि बच्चे अपने जीवन में जहां भी पहुॅचेंगे निश्चित ही आत्म विश्वास व सम्मान के साथ सफलता को प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज-स्वस्थ राश्ट्र का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता तथा अभिभावन बच्चों में रचनात्मक दृश्टिकोण विकसित करें क्योंकि बच्चों को जो भी सिखाया या दिखाया जाता है, उसे बच्चे आसानी से ग्रहण करते हैं। उन्होंने बच्चों के लिए आशीर्वाद देते हुए कहा कि सभी बच्चे जीवन में तरक्की करें, समाज, राज्य व देश का नाम रोशन करें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने कहा कि आंगनबाड़ी के छोटे-छोटे बच्चों को ऐंसा मंच राज्य एवं देश में शायद ही कहीं मिला हो। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे भी हमारे ही बच्चे हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों का दिमांग साइंटिफिकली 5 से 6 वर्श तक 90 प्रतिशत विकसित हो जाता है। उन्होंने कहा कि अपने सगे बच्चों की तरह इन बच्चों की भी प्रतिभा को चिन्हित करते, प्रतिभाग को निखारने तथा मंच प्रदान करने के उद्देश्य से कार्यक्रम की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं, उनकी प्रतिभा को निखारना परिवार व प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरूआत आईटीसी के सहयोग से की गई है तथा जनपद के अन्य केन्द्रों पर भी इसकी शीघ्रता से शुरूआत की जायेगी।

कार्यक्रम में 3 से 5 वर्श तक के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा धड़क-धड़क धुआं उड़ाए रे, टुकुर-टुकर देखता है क्या, दिल चाहता है सहित विभिन्न गानों पर मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया तथा बच्चों द्वारा योगाभ्यास पर अद्भुत प्रस्तुति देकर सभी को अचम्भित कर दिया। पहला स्थान सराय की टीम, दूसरा स्थान सलेमपुर की टीम तथा तीसरा स्थान बहादराबाद की टीम ने प्राप्त किया। इस दौरान आईटीसी एचआर हैड अल्ताफ हुसैन, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सरिता पवार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी नलिनी ध्यानी, जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया, डॉ.नरेश चौधरी, सीडीपीओ सन्दीप सिंह, प्रीति भण्डारी, वर्शा शर्मा सहित आंगनबाड़ी सुपरवाईजन व बच्चों के अभिभावक आदि उपस्थित थे।

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