
कलयुग दर्शन (24×7)
दीपक झा (संवाददाता)
रुड़की। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि रक्षाबंधन हिंदू धर्म संस्कृति का महत्त्वपूर्ण पर्व है, जो सनातन संस्कृति में रक्षा बंधन भाई-बहन का त्यौहार है। उन्होंने बताया कि यह त्यौहार नौ अगस्त को मनाया जाएगा। कहा कि यह पर्व प्राचीन भी है। इंद्राणी ने इंद्र को बृहस्पति जी के कहने पर रक्षा सूत्र बांधा था। द्रौपदी जी ने भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लगने पर उनको अपने साड़ी के पल्लू से उंगली पर बांधा था। राजा बलि को मां लक्ष्मी जी ने रक्षा सूत्र बांधा था, इसलिए इसकी मान्यता अति प्राचीन है। बाद में द्रोपदी जी की रक्षा के लिए भगवान का वस्त्र अवतार हुआ, इसलिए यह महान परंपरा है। उन्होंने बताया कि नौ अगस्त की तिथि 2025 में 95 वर्षों बाद विशेष योग में रक्षाबंधन का पावन पर्व है।
पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होकर 9 अगस्त दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। नौ अगस्त को मुहूर्त 5 बजकर 45 मिनट प्रातः से 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा, लेकिन राहु काल 9 बजकर 7 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। उसमें राहुकाल में नहीं करना है। विशेष मुहूर्त 5 बजकर 45 मिनट प्रातः से 9 बजकर 7 मिनट तक उसके बाद 10 बजकर 47 मिनट से 1 बजकर 24 मिनट तक ईश्वर सर्वार्थ सिद्धि योग इस बार रक्षाबंधन पर सभा सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 47 मिनट दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। सौभाग्य योग नौ तारीख राखी पर सौभाग्य योग प्रातः से लेकर रात 2 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। सरवन नक्षत्र रहेगा। नव पंचम राजयोग रहेगा। शोभन योग रहेगा तो बहुत ही अच्छे योगी में रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है, इसे धूमधाम से मनाकर विशेष योगी का लाभ उठाएं।
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